जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन के 6 महीने बाद अब राष्ट्रपति शासन लागू

जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में गठबंधन सरकार से जून में भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद जम्मू-मश्मीर में राजनीतिक संकट बना हुआ है.

Advertisement
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (File Photo) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:03 AM IST

जम्मू-कश्मीर में छह महीने का राज्यपाल शासन पूरा होने के बाद बुधवार को रात से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. बुधवार को इस बारे में आदेश जारी हो गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक की सिफारिश पर इस बाबत एक घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया है. राज्य में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में गठबंधन सरकार से जून में भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद जम्मू-मश्मीर में राजनीतिक संकट बना हुआ है.

Advertisement

राज्यपाल ने भंग की थी विधानसभा

गौरतलब है कि इस साल जून में राज्य में उस समय राजनीतिक संकट पैदा हो गया था, जब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से भाजपा अलग हो गई थी. पिछले महीने मलिक ने राज्य विधानसभा को भंग कर दिया था, जिसे निलंबित अवस्था में रखा गया था.

बता दें कि राष्ट्रपति शासन के आदेश के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला बोले कि अब राज्यपाल या राष्ट्रपति शासन को खत्म कर चुनाव करवाना चाहिए. ताकि लोग अपनी सरकार चुन चुकें.

अब संसद के हाथ में सभी शक्तियां

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने वाली वहां के राज्यपाल सत्य पाल मलिक की रिपोर्ट पर सोमवार को फैसला किया था.

Advertisement

राष्ट्रपति शासन की अधिघोषणा के बाद संसद राज्य की विधायिका की शक्तियों का इस्तेमाल करेगी या उसके प्राधिकार के तहत इसका इस्तेमाल किया जाएगा.

जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान है. जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 92 के तहत वहां छह माह का राज्यपाल शासन अनिवार्य है. इसके तहत विधायिका की तमाम शक्तियां राज्यपाल के पास होती हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement