जीएसटी में कमी का फायदा ग्राहकों तक न पहुंचाने और सामान का रेट ज्यादा लेने के लिए बाबा रामदेव के संरक्षण वाले पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर 75.08 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
खबर के अनुसार, नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) ने यह जुर्माना लगाया है. एनएए ने कहा है कि वाशिंग पाउडर पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) में कटौती के बावजूद पतंजलि ने उसके रेट बढ़ा दिए थे और इस कटौती का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया. आदेश के मुताबिक पंतजलि को जुर्माने की राशि के साथ ही 18 फीसदी जीएसटी की राशि को केंद्र और राज्य सरकारों के उपभोक्ता कल्याण फंड में जमा करना होगा.
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क्या कहा गया आदेश में
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक एनएए ने कहा, 'सेंट्रल जीएसटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए पतंजलि ने टैक्स में कटौती का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया. इसलिए उन्हें एक कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.' एनएए ने कहा कि जीएसटी पहले 28 से 18 फीसदी और फिर नवंबर 2017 में 18 से 12 फीसदी कर दिया गया, लेकिन पतंजलि ने अपने ग्राहकों को इसका फायदा नहीं दिया.
पतंजलि का क्या था तर्क
इसके जवाब में पतंजलि का तर्क था कि जीएसटी पहले के दौर की तुलना में लागत काफी बढ़ गई थी, लेकिन उन्होंने ग्राहकों पर इस बढ़ी लागत का कोई बोझ नहीं डाला था. लेकिन एनएए ने इस तर्क को स्वीकर नहीं किया.
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एनएए ने कहा कि ग्राहकों को फायदा न पहुंचाने की यह कोई वजह नहीं हो सकती. पतंजलि ने तो यहां तक कहा कि एनएए की जांच देश में उसके कारोबार करने के अधिकार का उल्लंघन करती है, लेकिन एनएए ने उसके इस दावे को भी खारिज कर दिया.
एनएए ने कहा कि उसे यह सुनिश्चित करने का काम मिला है कि टैक्स में कटौती का फायदा ग्राहकों तक पहुंचे. डायरेक्टर जनरल आॅफ एंटी प्रॉफिटियरिंग (DGAP) को कहा गया है कि वह चार महीने तक भीतर इस जुर्माने के अनुपालन की रिपोर्ट सबमिट करें.
(Business Today से साभार)
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