येस बैंक मामले में पूर्व संस्थापक राणा कपूर के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने उन लोगों को समन जारी किया है, जिन्होंने बैंक से बड़ी रकम कर्ज के तौर पर ली थी और फिर वो लोन चुकाने में असफल रहे, जिससे बैंक को बड़ा नुकसान हुआ.
ED की जांच तेज
प्रवर्तन निदेशालय ने कुल 18 समन जारी किए हैं, जिनपर येस बैंक का बकाया है. इन सभी को प्रवर्तन निदेशालय ने 17 मार्च से 21 मार्च तक जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है.
कई उद्योगपति YES बैंक के कर्जदार
दरअसल ED ने येस बैंक से लिए गए कर्ज में से जो खाते गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) में तब्दील हो गए, उन खाताधारकों को अब समन जारी किया गया है. इसमें रिलायंस ग्रुप के सीईओ अनिल अंबानी, जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल, Essel Group के सुभाष चंद्रा, DHFL के वाधवान, इंडिया बुल्स के प्रमोटर समीर गहलोत और गौतम थापर के नाम हैं.
सबसे बड़े कर्जधारकों में अनिल अंबानी हैं, जिनपर येस बैंक का 12,800 करोड़ रुपये का बकाया है. नरेश गोयल पर 550 करोड़, सुभाष चंद्रा पर 8400 करोड़, DHFL पर 3700 करोड़ और अवंता ग्रुप के निदेशक गौतम थापर की कंपनियों पर 1900 करोड़ रुपये बकाया है.
इंडिया बुल्स ने किया समन का खंडन
दूसरी तरफ इंडिया बुल्स के सीईओ गगन मंगा ने एक बयान जारी कर कहा है कि कंपनी के प्रमोटर को ईडी की तरफ से कोई समन नहीं मिला है. उन्होंने अपने बयान में कहा, 'हमें कोई समन नहीं मिला है. यह सूचना गलत है. इंडिया बुल्स हाउसिंग पर येस बैंक का कोई भी बकाया टर्म लोन नहीं है. इसी तरह समीर गहलोत या उनसे जुड़ी किसी कंपनी या किसी रिश्तेदार के उपर भी येस बैंक को कोई लोन बकाया नहीं है.'
उन्होंने कहा कि यह उसी तरह की अफवाह है जैसा कि शुक्रवार को सीबीआई छापे के बारे में फैलाई गई थी और जिसे सीबीआई ने अपने बयान में गलत बताया. हमने स्टॉक एक्सचेंज को भी इसके बारे में जानकारी दी है.
येस बैंक को लेकर RBI का ये प्लान
इस बीच आरबीआई ने येस बैंक को फिर से खड़ा करने के लिए प्लान तैयार कर लिया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को YES बैंक के जमाकर्ताओं को आश्वस्त किया कि उनकी गाढ़ी कमाई सुरक्षित है. उन्होंने येस बैंक की पुनर्गठन योजना को विश्वसनीय और टिकाऊ बताया.
मुनीष पांडे