तमिलनाडु सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों के CT Scan और MRI मशीनों को आपस में जोड़ने का फैसला लिया है. राज्य सरकार के इस फैसले के लागू होने के बाद तमिलनाडु देश का पहला ऐसा राज्य होगा जो पूरी तरह से टेली रेडियोलॉजी पद्धति पर काम करेगा.
स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी होगा कदम
इस व्यवस्था के तहत सरकारी अस्पतालों में डिजिटाइजर उपकरण स्थापित किए जाएंगे. दूरस्थ चिकित्सा इकाई पर भर्ती मरीज का एक्स-रे, CT तथा MRI एक निर्धारित उच्च गुणवत्ता केंद्र पर कराया जा सकता है. टेली रेडियोलॉजी से प्राप्त रिपोर्ट को विशेषज्ञ रेडियोलॉजिस्ट इंटरनेट के जरिए देख सकते है और अपनी राय तथा परामर्श दूरस्थ चिकित्सालय पर तैनात चिकित्सक को सरलता से बता सकते है. इस प्रकार उपचार लेने वाले मरीज को भी बिना रेडियोलॉजिस्ट से मिले हुए सम्पूर्ण जांच तथा परीक्षण की सूचना प्राप्त हो जाती है. रोगी तथा चिकित्सक दोनों के लिए यह पद्धति लाभदायक होगी.
पहले आती थीं ये दिक्कतें
प्रदेश के चिकित्सा विभाग के एक विश्लेषण के मुताबिक प्रदेश में रेडियोलॉजिस्ट की कमी नहीं है बल्कि ये कमी वितरण के स्तर पर है. इस स्टडी के दौरान चिकित्सा विभाग ने पाया कि आम तौर पर जब तक जांच की रिपोर्ट आती है तब तक सरकारी डॉक्टरों की ड्यूटी समाप्त हो जाती है. लिहाजा मरीज को परामर्श के लिए अगले दिन का इंतजार करना पड़ता है. मरीज के दूर दराज के इलाके में इलाज कराने की सूरत में परामर्श में और भी देर हो सकती है.
राहुल गांधी का इस मामले में उड़ा था मज़ाक
कुछ महीने पहले सिंगापुर में अपने एक साक्षात्कार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी एमआरआई मशीनों को एक साथ जोड़ने की बात कही थी. जिसे लेकर सोशल मीडिया पर उनका मज़ाक बनाया गया था. भाजपा प्रवक्ता और सर्जन डॉक्टर संबित पात्रा ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर राहुल गांधी को प्रौद्योगिकी के मामले में निरक्षर कहा था.
केशवानंद धर दुबे