1984 दंगा पीड़ितों को मुआवजे पर गृह मंत्रालय मौन

चुनाव आयोग के नोटिस के बाद 1984 के दंगा पीड़ितों को पांच लाख रुपये के मुआवजे पर सरकार ने चुप्‍पी साध ली है. आयोग के पत्र के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने मामले में अभी कोई फैसला नहीं लिया है. सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस तरह मामले में आदर्श आचार संहिता का कोई उल्‍लंघन नहीं हुआ है.

Advertisement
गृह मंत्री राजनाथ सिंह गृह मंत्री राजनाथ सिंह

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 04 नवंबर 2014,
  • अपडेटेड 5:32 AM IST

चुनाव आयोग के नोटिस के बाद 1984 के दंगा पीड़ितों को पांच लाख रुपये के मुआवजे पर सरकार ने चुप्‍पी साध ली है. आयोग के पत्र के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने मामले में अभी कोई फैसला नहीं लिया है. सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस तरह मामले में आदर्श आचार संहिता का कोई उल्‍लंघन नहीं हुआ है.

Advertisement

निर्वाचन आयोग के पत्र के जवाब में मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि उसने फैसला नहीं किया है और औपचारिक रूप से इसकी घोषणा नहीं की गई है. निर्वाचन आयोग के पत्र का जवाब देने की समय सीमा सोमवार शाम समाप्त हो रही थी और इसी के बीच मंत्रालय ने इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट किया. मंत्रालय ने निर्वाचन आयोग को बताया कि उसने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है.

गौरतलब है कि सरकार ने 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगों के 3,325 पीड़ितों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मंशा जाहिर की थी. 3,325 पीड़ितों में से 2,733 लोग अकेले दिल्ली में मारे गए थे, जबकि बाकी लोग उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में मारे गए.

Advertisement

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को पिछले तीन महीनों में पीड़ित परिजनों की शिकायतों के संबंध में विभिन्न सिख संगठनों की ओर से कई याचिकाएं प्राप्त हुई हैं. ताजा मुआवजा राशि से सरकारी खजाने पर 166 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement