NMCH बिहार का कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल है. इस लिहाज से यहां मरीजों के लिए चाक चौबंद इंतजाम की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन इस अस्पताल की तस्वीर काफी भयावह आई है.
यहां पर न मरीजों को बेड मिल पा रहा है, न ही यहां आसानी से उनकी भर्ती हो रही है. अंजलि नाम की एक महिला ने बताया कि उनके पति कोविड-19 के मरीज हैं. दानापुर से रेफर होकर उन्हें एंबुलेंस से एनएमसीएच लाया गया है, लेकिन यहां न तो एंबुलेंस में ऑक्सीजन है और न यहां बेड मिल रहा है.
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इन कुव्यवस्थाओं के बीच बिहार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल के अधीक्षक निर्मल कुमार सिन्हा का ही तबादला कर दिया है. माना जा रहा है अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था की वजह से इनका ट्रांसफर किया गया है, लेकिन एक थ्योरी यह भी है कि अस्पताल अधीक्षक ने केंद्रीय टीम के सामने अस्पताल की कमियों को उजागर किया था, इसलिए ये गाज उन पर गिरी है.
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बता दें कि रविवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक टीम NMCH आई थी और यहां पूरे हालात का जायजा लिया था. इस दौरान टीम ने अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों से बातकर स्वास्थ्य इंतजामों का फीडबैक लिया था. बाद में केंद्र की टीम ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से भी मुलाकात की थी. इसके 48 घंटे बाद ही NMCH के अधीक्षक का तबादला कर दिया गया.
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बता दें कि NMCH में कोरोना मरीजों से मूलभूत सुविधाओं के किल्लत की शिकायत की है. मरीजों का कहना है कि यहां डॉक्टरों के पास तक पीपीई किट नहीं है. बेड की दिक्कत है और मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.
सुजीत झा