बिहार में चुनाव परिणाम रुझानों में सत्ताधारी महागठबंधन को भारी जीत की तरफ बढ़ने के दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस जीत को बिहार की जनता और महागठबंधन की जीत बताते हुए कहा कि आने वाली बिहार सरकार सकारात्मक सोच के साथ काम करेगी. नीतीश ने कहा कि इस परिणाम का राष्ट्रीय स्तर पर असर होगा.
पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा, 'महागठबंधन की जीत बिहार की भावना और स्वाभिमान की जीत है. बिहार की जनता ने महागठबंधन को एकमुश्त समर्थन दिया है. इसके लिए बिहार के लोगों को बधाई.' नीतीश ने कहा कि जिस तरह की दिलचस्पी लोगों ने बिहार चुनाव में दिखाई उससे जाहिर है कि लोग देश में सशक्त विपक्ष देखना चाहते हैं और बिहार इस जिम्मेदारी को समझता है.
उन्होंने इस जीत को बड़ी जीत बताते हुए कहा कि हमलोग समकारात्मक सोच के साथ काम करेंगे। नीतीश ने कहा कि इस जीत के बाद देश भर के लोगों के मन में उल्लास है.
नीतीश के साथ इस संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी भी शामिल थे.
नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा नीत राजग के एक आक्रामक प्रचार और मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के उसके प्रयासों के बावजूद भारी जनादेश यह दिखाता है कि सभी समुदाय के लोगों की कुछ उम्मीदें हैं और वह उन्हें पूरा करने के लिए अपना पूरा प्रयास करेंगे. उन्होंने यद्यपि इस बात पर जोर दिया कि कड़वे प्रचार के बावजूद वह किसी के खिलाफ मनमुटाव नहीं रखेंगे और एक सकारात्मक मानसिकता रखते हुए सभी के साथ मिलकर काम करेंगे. उन्होंने बिहार की प्रगति के लिए केंद्र से सहयोग मांगा.
उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों के लोगों के समर्थन के बिना इतनी बड़ी जीत संभव नहीं थी जिसमें महिलाएं, दलित और अल्पसंख्यक शामिल हैं. लालू प्रसाद ने जोर देकर कहा कि वह ‘अपना संघर्ष जारी रखेंगे. बिहार परिणाम का राष्ट्रीय राजनीति पर इतना दीर्घकालिक प्रभाव होगा जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते. मोदी सरकार, आरएसएस सरकार ढह जाएगी. मैं लालटेन (राजद का चुनाव चिह्न) के साथ वाराणसी (मोदी के संसदीय क्षेत्र) जाउंगा.’
राजद के अकेली सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने के बावजूद प्रसाद ने कहा कि यह किसी एक पार्टी की नहीं बल्कि महागठबंधन की जीत है.
उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में कहा, ‘यदि कोई हमारे बीच बंटवारे के बीज बोना चाहता है तो हम वह होने नहीं देंगे. हम अगले दस जन्मों तक अलग नहीं होंगे.’ प्रसाद ने अपने देशव्यापी आंदोलन के बारे में कहा कि वह ‘साम्प्रदायिक मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए’ किसानों, श्रमिकों और वंचित वर्गों को साथ लेंगे. ‘उन्हें बिहार से बाहर खदेड़ दिया गया है.’
संदीप कुमार सिंह