मुंबई नगरपालिका ने शहर के स्कूलों के लिए एक अहम फैसला लिया है. मुंबई और उसके उपनगरों में छात्रों को आध्यात्म और नैतिकता से जोड़ने के लिए स्कूलों में गीता पढ़ाई जाएगी. एक अधिकारी ने बताया कि गीता के उपदेश युवाओं के मन को प्रभावित कर सकते हैं और यह छात्रों को ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करेगा.
गीता चैम्पियंस लीग प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण में ग्रेटर मुंबई नगरपालिका के डिप्टी कमिश्नर रामदास भाउसाहेब ने कहा कि छात्रों को आजाद ख्याल बनाने लिए भगवद् गीता का जानकारी दी जाएगी, जिससे उनके फैसले लेने की क्षमता का विकास होगा. उन्होंने कहा कि एमसीजीएम के 1200 स्कूलों में 4,78,000 छात्रों को 9 क्षेत्रीय भाषाओं में मुफ्त शिक्षा दी जाती है, जिस पर करीब 3500 करोड़ का खर्च आता है.
गिरगांव चौपाटी में इस्कॉन मंदिर के आध्यात्मिक गुरू राधानाथ स्वामी ने कहा कि हमारे बच्चे हमारा भविष्य हैं. हमें उनकी हिफाजत के साथ-साथ उनके दिमाग को विकसित करने की जरूरत है. टीवी, फिल्में और इंटरनेट से बच्चों के में हिंसा और अश्लीलता फैलने का खतरा है, जिससे वह नकारात्मक सोच और घटनाओं से आसानी से प्रभावित हो सकते हैं.
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