देश की आर्थिक राजधानी मुंबई शुक्रवार की सुबह भी रोजाना की तरह चल रही थी. मुंबईकर अपने दफ्तर जा रहे थे, लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन की सवारी कर रहे थे. हर रोज की तरह मुंबई के एलफिंस्टन और परेल रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज पर लोग आ जा रहे थे. सब सही चल रहा था बस भीड़ ज्यादा था. पर 10.30 बजे हादसा हो गया और कई लोगों के घर मातम छा गया.
तभी तेज बारिश शुरू हुई थी, भीगने से बचने के लिए लोग फुटओवर ब्रिज पर चढ़े थे. जो स्टेशन के अंदर से आ रहे थे वे मुहाने पर रुके थे. ब्रिज पर भीड़ बढ़ती जा रही थी, 106 साल पुराना ब्रिज था. बारिश के कारण ब्रिज पर फिसलन बढ़ी और तभी एक व्यक्ति का पैर फिसला और वह गिर गया. व्यक्ति के गिरते ही धक्का-मुक्की का सिलसिला शुरू हो गया हो.
लोग बाहर जाने के लिए उतावले नजर आने लगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ ने अफवाह फैला दी कि रेलिंग टूट गई है. शॉर्ट सर्किट होने की भी अफवाह फैलाई गई और फिर लोग किसी भी तरह से वहां से भागने की फिराक में जुट गए. एक पर एक चढ़ते चले गए. लोग गिरते चले गए, चीखें आ रही थीं. कई औरतें-बच्चे-आदमी चिल्ला रहे थे. अफरातफरी सी मच गई थी. और देखते ही देखते भगदड़ मौत के मंजर में तब्दील हो गई.
जब भगदड़ मचनी शुरू हुई तो लोग इधर-उधर भाग रहे थे. जगह काफी संकरी थी, लोगों ने ब्रिज की रेलिंग से कूदना शुरू कर दिया. भगदड़ मची और लोग अपने जूते-चप्पल छोड़ कर भागे. फिर क्या था जो लोग वहां थे उन्होंने रेलवे को फोन किया, लेकिन रेलवे भी नहीं पहुंच पाया.
वहां मौजूद लोगों ने खुद ही पास के KEM अस्पताल में घायलों को भर्ती कराया. जब तक लोग अस्पताल पहुंचे तो कई लोग मर चुके थे. अभी भी कुछ लोगों की हालत गंभीर है. रेलमंत्री भी मुंबई ही आ रहे थे, उन्हें लोकल ट्रेन का सफर करना था. लेकिन हादसे की खबर सुनते ही उन्होंने अपना शेड्यूल कैंसिल कर दिया और सीधे अस्पताल की और दौड़े.
वहां पर मौजूद लोगों ने कहा कि हम रेलवे से काफी समय से इस फुटओवर ब्रिज की शिकायत कर रहे थे. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी. पुल पुराना था, भीड़ ज्यादा होती थी इसलिए खतरा बना रहता था. लेकिन रेलवे सो रहा था. अब हादसा हुआ है तो जांच के आदेश दिए गए हैं, मुआवजा बांटा गया है. देखते हैं क्या होता है.
मोहित ग्रोवर