मुंबई पुलिस को जल्दी ही अपना घुड़सवार दस्ता मिलेगा. देश को आज़ादी मिलने के बाद मुंबई पुलिस के लिए पहली बार ऐसा होगा. बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था और भीड़ पर नियंत्रण के उद्देश्य से ये कदम उठाया जा रहा है.
1932 में घुडसवार दस्ते (माउंटेड हॉर्स यूनिट) को ट्रैफिक मुद्दों की वजह से खत्म कर दिया गया था. लेकिन अब मुंबई पुलिस के पास अपनी ऐसी यूनिट होगी. माउंटेड हॉर्स यूनिट पहले गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेगी फिर इसे पुलिस फोर्स में शामिल किया जाएगा.
यूनिट की सबसे खास बात घुड़सवार पुलिस की पोशाक होगी. इस पोशाक को जानेमाने फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ने डिजाइन किया है. हालांकि सोशल मीडिया पर पोशाक को लेकर प्रतिकूल टिप्पणियां भी सामने आई हैं. कहा जा रहा है कि पोशाक बहुत फैंसी है और ब्रिटिश उपनिवेश की झलक देती है. साथ ही ये मुंबई के गर्म वातावरण में घुड़सवार पुलिसकर्मियों को अनुकूल नहीं लगेगी.
हालांकि मुंबई पुलिस ने साफ किया है कि मनीष मल्होत्रा की डिजाइन की गई पोशाक सिर्फ़ गणतंत्र दिवस परेड के लिए ही है. पुलिस की असली पोशाक बिल्कुल अलग है.
ट्रैफिक मुद्दों को लेकर माउंटेड हॉर्स यूनिट को 1932 में खत्म किया गया था लेकिन मुंबई अब कहीं ज्यादा आबादी वाली है. ऐसे में भीड़ वाली जगहों पर घोड़ों को संभालना थोड़ा मुश्किल काम होगा.
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि “मुंबई पुलिस के पास आधुनिक कारें और बाइक हैं लेकिन आज भीड़ पर नियंत्रण करने के लिए और बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था के लिए माउंटेड हॉर्स यूनिट की ज़रूरत समझी जा रही है.”
घोड़े पर एक पुलिसकर्मी ज़मीन पर गश्त लगाने वाले 30 पुलिसकर्मियों के बराबर काम कर सकता है. इसके लिए घोड़े की रफ्तार भी बहुत मायने रखेगी. इस तरह की यूनिट भीड़ वाली जगहों, समुद्री तटों और प्रदर्शन के दौरान बहुत कारगर रहेगी.
घुड़सवार पुलिसकर्मी के साथ शरीर पर फिट होने वाला कैमरा भी होगा जिससे कि वो रिकॉर्डिंग भी साथ कर सके. मुंबई के पास प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों के साथ ऐसे 30 घोड़े होंगे. अभी मुंबई पुलिस के पास 13 घोड़े हैं जिन्हें 4 महीने से प्रशिक्षित किया जा रहा है. माउंटेड हॉर्स यूनिट की इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी अगुआई करेगा. यूनिट को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी. वो वॉकी टॉकी के साथ लैस होंगे. साथ ही पोलो गेम में भी वो हिस्सा लेंगे.
यूनिट को ट्रेनिंग रेसकोर्स विशेषज्ञ, आर्मी यूनिट्स और हॉर्स राइडिंग क्लब देंगे. अंधेरी के मरोल इलाके में यूनिट के घोड़ों के लिए खास अस्तबल बनाया जाएगा. अगले छह महीने में यूनिट फोर्स पूरी कर ली जाएगी.
सौरभ वक्तानिया