क्या सफल हो रही है PAK को अलग-थलग करने की मोदी की रणनीति?

मोदी सरकार की एग्रेसिव डिप्लोमेसी से न सिर्फ भारत बल्कि दो और पड़ोसी देश ईरान और अफगानिस्तान पाकिस्तान के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं. इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान अलग-थलग पड़ता दिखाई दे रहा है.

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नवाज शरीफ और मोदी नवाज शरीफ और मोदी

संदीप कुमार सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:21 AM IST

एलओसी पर सीजफायर उल्लंघन के मामलों, कश्मीर में बढ़े आतंकी हमलों और कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते अभी तल्ख दौर में हैं. ऐसे में भारत ने पाकिस्तान के दुस्साहस के खिलाफ डिप्लोमेसी को पहले विकल्प के रूप में चुना है और इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है. मोदी सरकार की एग्रेसिव डिप्लोमेसी से न सिर्फ भारत बल्कि दो और पड़ोसी देश ईरान और अफगानिस्तान पाकिस्तान के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं. इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान अलग-थलग पड़ता दिखाई दे रहा है.

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1. जाधव मामले में ICJ से मिला झटका
कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाए जाने के मामले पर पाकिस्तान को इंटरनेशनल कोर्ट से झटका लगा है. ICJ ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी है और इस मामले पर 15 से सुनवाई शुरू हो रही है. 15 बार जाधव के काउंसलर एक्सेस की भारत की अपील को पाकिस्तान ने खारिज कर दिया. इसके बाद भारत ने डिप्लोमेसी का रास्ता चुना है और अब पाकिस्तान अलग-थलग होता हुआ दिख रहा है.

2. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने आमंत्रण ठुकराया
अफगानिस्तान बॉर्डर पर पाकिस्तानी सैनिकों के साथ मुठभेड़ चरम पर है. पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि बॉर्डर पर पाकिस्तान के एक्शन में 50 अफगान सैनिक मारे गए हैं. इस बीच, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने पाकिस्तान यात्रा का आमंत्रण भी ठुकरा दिया. इससे पहले पिछले साल सार्क बैठक के बहिष्कार की भारत की अपील पर भी अफगानिस्तान ने पाकिस्तान में सार्क बैठक का बहिष्कार किया था.

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3. ईरान ने दी सर्जिकल स्ट्राइक की धमकी
पाकिस्तान के एक और पड़ोसी देश ईरान ने पाकिस्तान की धरती से फैलाए जा रहे आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को सीधे धमकी तक दे डाली है. ईरान ने पाकिस्तान को आतंकियों को काबू में रखने को कहा. साथ ही कहा कि ऐसा नहीं होने पर ईरान के सैनिक पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई कर सकते हैं.

4. सार्क देशों ने मीटिंग का कर दिया था बहिष्कार
उरी हमले के बाद पिछले साल भारत ने पाकिस्तान में होने वाले सार्क सम्मेलन का बहिष्कार किया था. सार्क के बाकी सदस्यों ने भी पाकिस्तान में होने वाली इस बैठक से दूरी बना ली थी. क्षेत्रीय ताकतों ने आतंकवाद पर भारत की चिंताओं का समझ समर्थन किया और पाकिस्तान को सम्मेलन रद्द करना पड़ा.

5. सार्क सैटेलाइट से भी वंचित रहा PAK
पिछले हफ्ते भारत ने सार्क देशों के लिए 450 करोड़ की लागत से सैटेलाइट लॉन्च किया था. इसमें पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया है. बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल समेत तमाम देशों के नेताओं ने सार्क सैटेलाइट को क्षेत्रीय विकास के लिए भारत का बड़ा कदम बताया. यहां तक कि चीनी मीडिया ने भी चीन को इस परियोजना से जोड़ने की मंशा जताई थी.

6. आतंकवाद पर अमेरिका की चेतावनी
अमेरिका जैसे देश भी अब आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को घेरने लगे हैं. भारत की यात्रा पर हाल में आए अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार ने पाकिस्तान को परोक्ष युद्ध बंद करने की नसीहत दी थी. बुधवार को अमेरिकी सांसद और हाउस डेमोक्रेटिक कॉकस के अध्यक्ष जो क्राउली ने पाकिस्तान को आगाह किया है कि अगर भारत के सैनिकों और उसके नागरिकों पर हमले होते रहे तो वह चुप नहीं बैठेगा. इसके साथ ही उन्होंने इस्लामाबाद से उसकी जमीन पर सक्रीय कट्टरपंथी ताकतों पर कार्रवाई करने की मांग की है. क्राउली ने इस मामले में डोनाल्ड ट्रंप सरकार से पाकिस्तान पर ज्यादा दबाव बनाने की मांग की.

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