उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मदरसों को बंद करना कोई हल नहीं है, बल्कि उनका आधुनिकीकरण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि मदरसों के साथ-साथ संस्कृत विद्यालयों को भी आधुनिक बनाया जाना चाहिए.
योगी आदित्यनाथ लखनऊ में देश के नौ राज्यों के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रियों के सम्मेलन में बोल रहे थे. इस मौके पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी मौजूद रहे.
मदरसे बंद न हों, आधुनिक बनाए जाएं
मदरसों को लेकर योगी ने कहा, 'मदरसों को बंद करना कोई हल नहीं है. इसकी जगह मदरसों का आधुनिकीकरण किया जाना चाहिए. संस्कृत विद्यालयों के साथ भी यही किया जाना चाहिए. मदरसों को कंप्यूटर से जोड़ा जाना चाहिए. मदरसों में विज्ञान, अंग्रेजी के साथ-साथ तकनीक आधारित विषयों को भी पढ़ाया जाना चाहिए. इससे समाज के एक बड़े तबके को काफी फायदा होगा. ये प्रतिभाएं आगे चलकर देश की तरक्की में अपना योगदान करेंगी. उन्हें रोजगार से वंचित नहीं होना पड़ेगा.'
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "जब हम अल्पसंख्यक कल्याण की बात करते हैं तो हमारे सामने बहुत सारे सवाल खड़े होते हैं. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय पर बेहद अहम जिम्मेदारी है. अगर हमारे शरीर का कोई अंग काम करना बंद कर देता है तो हमें दिव्यांग कहा जाता है, उसी तरह अगर समाज में किसी व्यक्ति के साथ भेदभाव किया जाता है तो वह अपने आप को अपक्षित महसूस करेगा."मुख्यमंत्री योगी ने कहा, 'नकवी के मंत्री बनने और यूपी में उनकी सरकार आने के बाद अल्पसंख्यक कल्याण कार्यक्रमों में तेजी आई है. राशन कार्डों का सत्यापन कराया गया है और 37 लाख राशन कार्ड दिए गए हैं.' उन्होंने आगे कहा कि सरकार बिना भेदभाव के सभी वर्ग के लिए काम कर रही है. अल्पसंख्यक वर्ग के लिए प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
संस्कृत स्कूलों में भी हो बदलाव
उन्होंने मदरसों की तरह संस्कृत विद्यालयों के भी आधुनिकीकरण किए जाने की बात कही. संस्कृत विद्यालयों को भी अन्य विषयों को अपनाना चाहिए तभी फायदा होगा. योगी ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्किल डेपलपमेंट प्रोग्राम चलाया है. इसके जरिए अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कल्याण के कदम उठाए जा रहे हैं.
सब्सिडी का पैसा मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा पर खर्च होगा
अल्पसंख्यक मंत्रियों के इस क्षेत्रीय समन्वय सम्मेलन अध्यक्षता केंद्रीय अल्पंसख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने की और इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने किया. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हज सब्सिडी मुस्लिम समाज के लिए कोई खास नहीं थी, लेकिन इसे खत्म किए जाने से जो पैसा बचेगा उसे अल्पसंख्यक महिलाओं की शिक्षा पर खर्च की जाएगी.
नकवी ने कहा, 'आज की तारीख में अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा बेहद जरूरी और अहम है, लेकिन यह हमारे लिए चिंता का विषय है क्योंकि अल्पसंख्यक समाज के एक बड़ी आबादी बचपन से शिक्षा से वंचित रह जाती है.' उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य सवा करोड़ छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप दिए जाने का है. नकवी के साथ बैठक में मौजूद रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारा लक्ष्य बिना किसी भेदभाव के समाज के हर वर्ग का विकास कराना है.
बिना तुष्टिकरण के करेंगे सशक्तिकरण
नकवी ने कहा कि बिना तुष्टिकरण के सशक्तिकरण किया जा रहा है, नवोदय की तर्ज पर 100 से अधिक नवोदय विद्धालय खोले जाने की योजना है. अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर सरकार की भावी योजना के बारे में नकवी ने कहा, 'गुरुकुल की तर्ज पर 27 स्कूल राज्य सरकारों के माध्यम से खोले जाएंगे. सेनेट्री सुपरवाइजर का ट्रेनिंग कोर्स कराया जा रहा है और कोर्स करने वालों को 100% प्लेसमेंट दिया जाएगा. इससे पहले युवाओं को जीएसटी फैसिलेटर का कोर्स कराया गया जिसके परिणाम अच्छे रहे हैं.'
नकवी ने बताया कि बैठक में वक्फ, हज, अल्पसंख्यकों के विकास पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा, 'बैठक में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की शिक्षा ही मुख्य मुद्दा रहा. अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों की ओर से बीच में ही शिक्षा छोड़ना चिंताजनक बात यह रही.'सम्मेलन में इन राज्यों के मंत्री हुए शामिल
लखनऊ में हुए क्षेत्रीय समन्वय सम्मेलन में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, उत्तराखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश समेत नौ राज्यों के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शामिल हुए. यह समन्वय बैठक उत्तर भारत के राज्यों के अल्पसंख्यक मंत्रियों की थी. पहली बार उत्तर प्रदेश में ऐसा सम्मेलन हुआ, इससे पहले क्षेत्रीय सम्मेलन दिल्ली में अयोजित होते रहे हैं.
कुमार अभिषेक / शिवेंद्र श्रीवास्तव