बैंकों से कर्जा लेकर विदेश भाग चुके मेहुल चोकसी, नीरव मोदी और विजय माल्या का नाम आज हर देशवासी की जुबान पर है. एंटीगुआ की नागरिकता ले चुके चोकसी की नागरिकता रद्द करने संबंधी खबरों से उत्साहित सरकार का काम यहीं समाप्त नहीं होता. मेहुल को यदि भारत लाया भी जाता है, तो अभी भी कई भगोड़ों को वापस लाने की बड़ी चुनौती सरकार के सामने है.
इनमें नीरव मोदी, विजय माल्या, आईपीएल में गबन का आरोपी ललित मोदी जैसे लोग शामिल हैं. भगोड़ों की फेहरिस्त यहीं समाप्त नहीं होती. 2006 में नौसेना वार रूम लीक मामले का आरोपी रवि शंकरन, 1993 के मुंबई बम धमाकों का आरोपी दाऊद इब्राहिम, 1993 के ही गुजरात बम धमाकों का आरोपी टाइगर हनीफ, 1997 के गुलशन कुमार हत्याकांड का आरोपी नदीम सैफी, डेविड कोलमैन हेडली जैसे अपराधियों के नाम भी इस सूची में शामिल हैं.
नीरव मोदी
पंजाब नेशनल बैंक से दो अरब डॉलर का कर्ज लेकर फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर धोखाधड़ी का आरोप है. नीरव भी लंदन में पुलिस की हिरासत में है. अगस्त 2018 से ही भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है.
विजय माल्या
बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या भी ब्रिटेन में शरण लिए हुए है. बैंकों से 9000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर फरार विजय माल्या ने मार्च 2016 से लंदन में शरण ले रखी है. माल्या के प्रत्यर्पण का रास्ता भी अब तक साफ नहीं हो सका है.
ललित मोदी
पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी भी 2010 में लंदन जा बसा. मोदी पर आईपीएल के 2009 सीजन में वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप है. ललित मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है, इसके बावजूद मामले की जांच कर रही एजेंसियों और सरकार के लिए उसे ब्रिटेन से वापस लाना बड़ी चुनौती होगी.
संजय भंडारी
रक्षा जगत के बड़े लॉबिस्टों में से एक संजय भंडारी का नाम एक बार फिर चर्चा में है. राफेल विवाद में भी भंडारी का नाम उछला. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा के करीबी माने जाने वाले भंडारी के घर अहम रक्षा दस्तावेजों की तलाश में 2016 में छापेमारी हुई थी. उसके बाद भंडारी नेपाल के रास्ते लंदन निकल गया और वहीं बस गया.
और भी हैं फरार, जो अब तक नहीं लाए जा सके
इनके अलावा कई और भी अपराधी हैं, जो भारत छोड़कर फरार हैं और अन्य देशों में आराम की जिंदगी जी रहे हैं. इनमें 1993 के मुंबई हमलों के आरोपी दाऊद इब्राहिम का नाम प्रमुख है. वह पाकिस्तान में है, भारत की ओर से कई बार उसे सौंपने की पाकिस्तान से मांग भी की जा चुकी है. 1993 में गुजरात में हुए बम धमाके का मुख्य आरोपी टाइगर हनीफ भी ब्रिटेन में रह रहा है. साल 1997 के गुलशन कुमार हत्याकांड का आरोपी नदीम सैफी भी भारत से भागकर ब्रिटेन में रह रहा है.
यह सभी कई वर्षों से फरार हैं, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी इन्हें अब तक भारत वापस नहीं लाया जा सका है.
बिकेश तिवारी