मेघालय की एक खदान में पिछले करीब 15 दिनों से फंसे 15 मजदूर अभी तक निकल नहीं पाए हैं. सरकार, एनजीएओ, प्राइवेट कंपनी सभी मिलकर इन्हें बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं. मजदूरों के बचाव के लिए विशाखापत्तनम से हवाई मार्ग से नौसेना के गोताखोरों के एक दल को भेजा गया है. नौसेना के गोताखोर शनिवार सुबह बचाव अभियान से जुड़ेंगे.
सूत्रों ने बताया कि बचाव अभियान के लिए तीन नौसैन्य कर्मी घटनास्थल पर पहले ही पहुंच चुके हैं और गोताखोरों का एक दल अगले 12 घंटे में उनसे जुड़ जाएगा. मेघालय के लमुथारी गांव के सान इलाके में 370 फुट गहरी अवैध खदान में ये सभी श्रमिक 13 दिसंबर से ही फंसे हैं. बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी इस मसले पर बात की.
वहीं वायुसेना 21 सदस्यों की टीम और 10 बड़े पंपों को लेकर भुवनेश्वर से गुवाहाटी के लिए रवाना हो गई है. वायुसेना का C-130J Super Hercules इस टीम को ले जा रहा है.
निजी कंपनी भी पहुंची मदद करने
मेघालय की पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले की कोयले की खदान से पानी भरने से उसमें पिछले एक पखवाड़े से फंसे 15 लोगों को निकालने में मदद करने के लिए निजी पंप निर्माता कंपनी मौके पर पहुंच गए हैं. यह कंपनी खदान से पानी निकालने में स्वेच्छा से उपकरण मुहैया करा रही है.
गौरतलब है कि मजदूर यहां करीब 370 फुट अवैध खदान में फंसे हुए हैं. इनके अलावा कोल इंडिया की तरफ से भी मदद का प्रस्ताव दिया गया है. दरअसल, खदान में पानी अधिक मात्रा में भर जाने के कारण काफी दिक्कतें आ रही हैं. यहां जिन पंपों के जरिए पानी को निकाला जा रहा था उनकी हॉर्स पावर कम थी, जिसके कारण बाहर से मदद पहुंचाई जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था.
बता दें कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने इसके लिए गहरी सुरंगों के लोकेशन को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार 2014 से प्रतिबंधित इन कोयला खदानों को कानूनी वैधता और नियमित किए जाने के समर्थन में है.
बीते 13 दिसंबर की सुबह पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के अवैध कोयला खदान में अचानक पानी भर जाने से कारण 15 मजदूर अंदर फंस गए थे. जल भराव के कारण संकरी सुरंगों के जरिए खदान के अंदर घुसे मजदूरों तक बचाव दल पहुंच नहीं पा रहा है. वहीं पानी निकालने का प्रयास लगातार जारी है.
मनोज्ञा लोइवाल