महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी के साथ-साथ शिवसेना की भी नजर है. शिवसेना की दावेदारी के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि CM पद मेरे लिए पहले से फिक्स है. इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी उनके बयान पर मुहर लगाते हुए कहा कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री हैं और आने वाले समय में भी वही सीएम रहेंगे. इससे साफ हो गया कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से नहीं होगा.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव-2019 के मंच से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्हें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को उपमुख्यमंत्री बनाने पर ऐतराज नहीं है. लेकिन मुख्यमंत्री पद वही रखेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे सक्रिय पॉलिटिक्स में हिस्सा ले रहे हैं, वो उनका स्वागत करते हैं.
फडणवीस के दावे पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी रविवार को महाराष्ट्र में जाकर मुहर लगा दी. अमित शाह ने अनुच्छेद 370 पर अयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने जाहिर कर दिया कि चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे. शाह का यह बयान शिवसेना लिए एक संदेश भी है और बीजेपी की ओर से दो-टूक जवाब भी.
दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है, लेकिन बीजेपी और शिवसेना के बीच सीट शेयरिंग पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है. बदले हुए राजनीतिक समीकरण को देखते हुए बीजेपी शिवसेना से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. वहीं, शिवसेना लोकसभा चुनाव के दौरान तय 50-50 फॉर्मूला के मुताबिक सीट बंटवारा चाहती है. लेकिन बीजेपी उसपर राजी नहीं है.
वहीं मुख्यमंत्री पद को लेकर भी कुछ संशय था. हालांकि फडणवीस के बाद अब अमित शाह के बयान से बीजेपी का रुख स्पष्ट हो गया है और इसी के साथ शिवसेना के मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी के रास्ते भी बंद हो गए हैं. हालांकि बीजेपी की ओर से शिवसेना को उपमुख्यमंत्री की पोस्ट देने पर कोई ऐतराज नहीं है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अगर गठबंधन सरकार बनती है तो क्या आदित्य ठाकरे उपमुख्यमंत्री होंगे. इस सवाल पर फडणवीस ने कहा था, 'इस पर फैसला शिवसेना लेगी. हम यह फैसला नहीं कर सकते. सरकार का जो पिछला विस्तार हुआ, तब मैंने शिवसेना से पूछा था कि क्या वे अपनी पार्टी के किसी शख्स को डिप्टी सीएम बनाना चाहते हैं. लेकिन शिवसेना ने कहा था कि वक्त कम है, लिहाजा अभी किसी को डिप्टी सीएम नहीं बनाना चाहते'.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राजनीति में सब कुछ मुमकिन है. आदित्य ठाकरे बहुत अच्छे से राजनीति के गुर सीख रहे हैं. जरूरी नहीं कि सक्रिय राजनीति में न उतरने का जो फैसला बाला साहब ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने लिया, उसी पर आदित्य भी चलें. कभी न कभी उन्हें शिवसेना की बागडोर संभालनी है.
दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने सीएम पोस्ट पर अपनी दावेदारी पेश करनी शुरू कर दी थी. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जन आशीर्वाद यात्रा के समानांतर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी जनादेश यात्रा करके माहौल बनाने में जुटे हैं. इसलिए शिवसेना बीजेपी के बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है ताकि ज्यादा सीटें जीतकर वह सीएम की पोस्ट पर मजबूती के साथ दावेदारी पेश कर सके. लेकिन अमित शाह और फडणवीस ने स्पष्ट कर दिया है कि सीएम की पोस्ट पर बीजेपी का कब्जा रहेगा.
कुबूल अहमद