बच्चों का रेप करने वालों का हो बंध्याकरण: मद्रास हाई कोर्ट

मद्रास हाई कोर्ट की एक बेंच ने केंद्र सरकार को बच्चों का यौन उत्पीड़न करने वालों के बंध्याकरण सुझाव दिया है क्योंकि वर्तमान कानून ऐसे अपराधियों से निपटने में ‘नाकाफी’ है.

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ब्रजेश मिश्र

  • मद्रास,
  • 26 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 7:15 PM IST

मद्रास हाई कोर्ट की एक बेंच ने केंद्र सरकार को बच्चों का यौन उत्पीड़न करने वालों के बंध्याकरण सुझाव दिया है क्योंकि वर्तमान कानून ऐसे अपराधियों से निपटने में ‘नाकाफी’ है.

जस्टिस एन किरूबाकरण ने कड़े शब्दों में दिए गए एक फैसले में कहा ‘वर्तमान कानून ऐसे अपराधियों से निपटने में ‘नाकाफी’ है और न्यायपालिका अपने हाथ बांधे व मूक दर्शक बने नहीं रह सकती, खास कर तब जब पूरे भारत में बच्चों के साथ गैंगरेप होने की खबरें आ रही हैं.’ जस्टिस ने हाल ही में एक ब्रिटिश नागरिक द्वारा दाखिल एक याचिका को खारिज करते हुए यह व्यवस्था दी जिसने अपने खिलाफ निचली कोर्ट में चल रही यौन उत्पीड़न मामले में कार्रवाई रद्द करने की मांग की थी.

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'क्रूर अपराधियों के लिए सही है ये सजा'
जस्टिस कहा ‘बंध्याकरण का सुझाव क्रूर लग सकता है लेकिन क्रूर अपराधियों के लिए क्रूर सजा की जरूरत है. सजा का विचार अपराधियों को अपराध करने से रोकने का होना चाहिए.’

उन्होंने ने कहा, ‘मानवाधिकार उल्लंघनों की आड़ में कुछ कार्यकर्ता पहले पीड़ितों के प्रति सहानुभूति जताते हैं और बाद में अपराधी का भी समर्थन करते हैं. वे गलत जगह पर सहानुभूति दर्शाते हैं. मानवाधिकार, पीड़ित के होते हैं.’

- इनपुट भाषा

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