यूपी सरकार नहीं हटाएगी उपद्रवियों के पोस्टर, SC में हाई कोर्ट के फैसले को देगी चुनौती

लखनऊ हिंसा के उपद्रवियों के पोस्टर यूपी सरकार नहीं हटाएगी. सोमवार को दिए गए इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देगी.

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लखनऊ में लगे पोस्टर (फाइल फोटो- PTI) लखनऊ में लगे पोस्टर (फाइल फोटो- PTI)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 10 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 7:53 AM IST

  • लखनऊ में सीएए के खिलाफ भड़की थी हिंसा
  • उपद्रवियों ने सरकारी संपत्तियों की पहुंचाया था नुकसान
  • स्थानीय प्रशासन ने लगाए वसूली के नोटिस

लखनऊ हिंसा के उपद्रवियों के पोस्टर उत्तर प्रदेश सरकार नहीं हटाएगी. यूपी सरकार ने यह फैसला किया है कि लखनऊ की सड़कों पर लगे 57 आरोपियों को पोस्टर नहीं हटाए जाएंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश के बाद यह फैसला लिया गया है.

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इस बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस कमिश्नर लखनऊ, जिलाधिकारी लखनऊ के साथ कई बड़े अधिकारी लोक भवन में मौजूद रहे. यूपी सरकार अब इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी. होली के बाद सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार अपील दाखिल की जाएगी.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार हिंसा के आरोपियों को पोस्टर सार्वजनिक जगहों पर लगाए गए पोस्टर्स और होर्डिंग्स को हटाने का आदेश दिया था. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़की थी.

दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीएए प्रदर्शन के दौरान हिंसा के आरोपियों का पोस्टर हटाने का आदेश दिया है. लखनऊ के अलग-अलग चौराहों पर वसूली के लिए 57 कथित प्रदर्शनकारियों के 100 पोस्टर लगाए गए थे.

यह भी पढ़ें: CM के सलाहकार मृत्युंजय बोले- पोस्टर हटेंगे, धाराएं नहीं, योगीराज में दंगाइयों से नरमी असंभव

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चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि लखनऊ के जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर 16 मार्च तक होर्डिंग्स हटवाएं. साथ ही इसकी जानकारी रजिस्ट्रार को दें. हाई कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को हलफनामा भी दाखिल करने का आदेश दिया गया है.

57 लोगों का लगाया गया पोस्टर

पिछले साल दिसंबर महीने में लखनऊ में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में कथित रूप से शामिल रहे 57 लोगों के नाम और पते के साथ शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर कुल 100 होर्डिग्स लगाए गए हैं. ये सभी लोग राज्य की राजधानी लखनऊ के हसनगंज, हजरतगंज, कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के हैं. प्रशासन ने पहले ही 1.55 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए इन सभी लोगों को वसूली के लिए नोटिस जारी किया है.

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'योगी सरकार में उपद्रवियों पर नरमी असंभव'

हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार का बयान भी दिनभर चर्चा में रहा. उन्होंने कहा था कि योगीराज में दंगाइयों से नरमी असंभव है. मृत्युंजय कुमार ने एक ट्वीट कर कहा, "दंगाइयों के पोस्टर हटाने के हाइकोर्ट के आदेश को सही परिप्रेक्ष्य में समझने की जरूरत है. सिर्फ उनके पोस्टर हटेंगे, उनके खिलाफ लगी धाराएं नहीं. दंगाइयों की पहचान उजागर करने की लड़ाई हम आगे तक लड़ेंगे. योगीराज में दंगाइयों से नरमी असंभव है."

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