दूसरा चरण: वोटरों का जोश हाई, क्या गुल खिलाएगी 3 फीसदी अधिक वोटिंग?

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दूसरे चरण की वोटिंग गुरुवार को संपन्न हुई. देश के 12 राज्यों की 95 सीटों पर करीब 68 फीसदी लोगों ने मतदान. इन 95 सीटों पर 2014 में 65 फीसदी वोटिंग पड़ी थी. दो चरण के मतदान पूरा होने का बाद राजनीतिक दल अपने-अपने नफा और नुकसान के आकलन में जुटे हैं. दूसरे चरण की 95 सीटों में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास 64 सीटें थी.

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दूसरे चरण में वोट डालते मतदाता दूसरे चरण में वोट डालते मतदाता

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए दूसरे चरण की वोटिंग गुरुवार को संपन्न हुई. देश के 12 राज्यों की 95 सीटों पर करीब 68 फीसदी लोगों ने मतदान किया. इन 95 सीटों पर 2014 में 65 फीसदी वोटिंग पड़ी थी. पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में 3 फीसदी अधिक वोट पड़े हैं. जबकि 2009 के चुनाव में 62.49 फीसदी वोट पड़े थे. दो चरण के मतदान पूरा होने का बाद राजनीतिक दल अपने-अपने नफा और नुकसान के आकलन में जुटे हैं कि सियासी हवा किस के पक्ष में बह रही है. वोटिंग के ये आकंड़े विपक्ष के समीकरण को बिगाड़ेंगे या फिर मोदी के लिए मुसीबत का सबब बनेंगे.

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बता दें कि दूसरे चरण की जिन 95 सीटों पर गुरुवार को वोट पड़े हैं, वहां पर कुल 1629 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इन सभी प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला  23 मई को होगा. दूसरे चरण में सबसे ज्यादा मतदान पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में 80.47 फीसदी रहा और सबसे कम जम्मू-कश्मीर में 45.2 फीसदी रहा. वहीं उत्तर प्रदेश के नौ जिलों की आठ सीटों पर हुए चुनाव में करीब 62.30 फीसदी मतदान हुआ. पिछले चुनाव की तुलना में मामूली बढ़ोत्तरी हुई है.

दूसरे चरण की जिन 95 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई, इन्हीं सीटों पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 27 सीटें जीतने में सफल रही थी. जबकि एनडीए के पास 64 सीटें थी. ऐसे में दूसरा चरण के नतीजे नरेंद्र मोदी के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं. वही, कांग्रेस के पास महज 12 सीटें जीती थी. इसके अलावा 36 सीटें एआईएडीएमके, 4 सीटें बीजेडी, 4 सीटें शिवसेना, 2 सीटें जेडीएस, 2 सीटें आरजेडी, 1 सीटें टीएमसी, एक जेडीयू और 6 सीटें अन्य को मिली थी.

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वहीं, 2009 के लोकसभा चुनाव में इन 95 सीटों के नतीजों को देखें तो बीजेपी 20, कांग्रेस, 24, एआईएडीएमके 9, डीएमके 18, बीजेडी 3, शिवसेना 4, जेडीएस 3, आरजेडी 3 और अन्य को 11 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2009 से 2014 में इन 95 सीटों के नतीजों की तुलना करें तो कांग्रेस को 12 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था. जबकि बीजेपी को 7 सीटों का फायदा मिला था. इसके अलावा तमिलनाडु में डीएमके को नुकसान और एआईएडीएमके को फायदा मिला था.

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी जिन 27 सीटें जीतने में सफल रही थी. इनमें यूपी की सभी 8 सीटें, छत्तीसगढ़ में 3, महाराष्ट्र में 4, असम में 2, कर्नाटक में 6, ओडिशा में 1, बंगाल में  1, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर में एक-एक सीट बीजेपी ने जीती थी. बीजेपी महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरी है. बिहार की जिन पांच सीटों पर वोटिंग हुई हैं इन सभी सीटों बीजेपी की सहयोगी जेडीयू चुनावी मैदान में थी. इसके अलावा तमिलनाडु में बीजेपी एआईएडीएमके के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी है. वहीं, बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक सहित बाकी राज्यों में बीजेपी अकेले चुनाव मैदान में उतरी थी.

दूसरे चरण की 95 सीटों में से 2014 में कांग्रेस ने जिन 12 सीटों पर जीत हासिल की थी. इनमें  असम की 2, कर्नाटक की 6,  महाराष्ट्र की 2, बिहार की 1 और मणिपुर की 1 सीट शामिल थी. इसके अलावा बिहार में एनसीपी के तारिक अनवर ने जीत हासिल की थी, जो इस बार कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस के सहयोगी दल आरजेडी को दो सीटें मिली थीं. कांग्रेस महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ, बिहार में आरजेडी के साथ और तमिलनाडु में डीएमके साथ मिलकर चुनाव लड़ी है.

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