दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सात संसदीय क्षेत्रों में से एक, चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 1) सबसे खास है. राजधानी का चांदनी चौक पुरानी दिल्ली के नाम से भी जाना जाता है. यह लोकसभा क्षेत्र चुनावी समर के अहम मैदानों में से एक है. यह निर्वाचन क्षेत्र बहुत घनी आबादी वाला है. इसमें लाहोरी दरवाजा से लेकर चौक कोतवाली तक चांदनी चौक को कवर करते हुए फतेहपुरी मस्जिद में तक का इलाका आता है. आम आदमी पार्टी (AAP)ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए यहां से पंकज गुप्ता के नाम की घोषणा कर दी है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
चांदनी चौक पर 1957 से लेकर 2014 तक कुल 14 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें से कांग्रेस (आईएनसी) अब तक नौ बार जीत चुकी है वहीं बीजेपी चार बार यहां से जीत दर्ज कर चुकी है.
1957 के पहले आम चुनाव में कांग्रेस के राधा रमण ने जीत दर्ज की थी. उसके बाद 1962 में कांग्रेस के ही शाम नाथ ने. 1967 के आम चुनावों में बीजेएस के आर गोपाल बाजी पलटते हुए यहां से जीतने में कामयाब रहे. 1971 में सुभद्रा जोशी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर फिर से इस सीट को कांग्रेस की झोली में डाल दिया.
1977 में फिर बाली पलटी और ये सीट बीएलडी के कब्जे में चली गई. हालांकि 1980, 1984 और 1989 में कांग्रेस इस सीट पर काबिज रही. 1991 में बीजेपी से ताराचंद खंडेलवाल यहां से जीतकर संसद पहुंचे. 1996 में कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल यहां से सांसद बने. इसके बाद 1998 और 1999 में बीजेपी के विजय गोयल को जनता ने चुनकर संसद भेजा. 2004 और 2009 में कपिल सिब्बल के हक में फैसला गया. वर्तमान में बीजेपी के डॉ. हर्षवर्धन यहां से सांसद हैं. कांग्रेस के कपिल सिब्बल अब तक लगातार दो बार इस निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं. उनकी चांदनी चौक में मजबूत पकड़ मानी जाती है.
2014 का जनादेश
2014 में बीजेपी के डॉ. हर्षवर्धन, आम आदमी पार्टी के आशुतोष और कांग्रेस के दिग्गज कपिल सिब्बल ने यहां से चुनाव लड़ा, लेकिन यह डॉ. हर्षवर्धन ने 437938 वोटों के साथ अपने करीबी प्रतिद्वंदी से 363 वोटों के अंतर से से चुनाव जीता. तीसरे स्थान पर कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने कुल 176206 वोट हासिल किए.
सिब्बल ने 2009 के चुनावों में यहां से कुल 7,80,445 वोटों में से 2,00,710(59.67%) मतों के अंतर जीत हासिल की थी. और बीजेपी प्रत्याशी विजेंद्र गुप्ता 2,65,003(33.96%) वोट हासिल करके दूसरे पायदान पर रहे. बीएसपी के मोहम्मद मुस्तकीम कुल वोटों में से केवल 26,486(3.39%) पाने में ही कामयाब रहे.
सामाजिक ताना-बाना
इस लोकसभा सीट पर 2014 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 791,317 थी, जिनमें से 550,825 ने वोटिंग में भाग लिया. वहीं पंजीकृत 655,911 महिला वोटर्स में से 431,038 महिला वोटर्स ने भाग लिया था. इस तरह कुल 1,447,228 मतदाताओं में से कुल 981,863 ने चुनाव में अपनी हिस्सेदारी तय की. भारतीय निर्वाचन आयोग 2009 की रिपोर्ट के अनुसार चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में कुल 1,413,535 मतदाता हैं.
चांदनी चौक की लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले सभी 10 विधानसभा क्षेत्रों में बुनियादी मुद्दे काफी हद तक एक जैसे हैं. जिनमें अवैध अतिक्रमण, सड़कों पर ट्रेफिक का दवाब, खराब बुनियादी ढांचे जैसी नागरिक सुविधाओं, पानी की किल्लत और सीलिंग जैसी समस्याएं शामिल हैं.
देश के सबसे पुराने और पहले निर्वाचन क्षेत्रों में से एक होने के नाते चांदनी चौक से कांग्रेस के राधा रमण, विजय गोयल और कपिल सिब्बल जैसे अधिकांश प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने चुनाव लड़ने चुना.
वर्तमान सांसद का रिपोर्ट कार्ड
चांदनी चौक लोकसभा सीट से डॉ. हर्षवर्धन वर्तमान में सांसद हैं. 13 दिसंबर 1954 को जन्मे डॉ. हर्षवर्धन ने एमबीबीएस समेत एमएस की डिग्री हासिल की हुई है. उनकी पत्नी का नाम नूतन है. उनके परिवार में दो बेटे और एक बेटी है.
विकास कार्यों पर सांसद निधि से खर्च
जनवरी, 2019 तक mplads.gov.in पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने अभी तक अपने सांसद निधि से क्षेत्र के विकास के लिए 19.02 करोड़ रुपए में से 12.97 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. उन्हें सांसद निधि से अभी तक 17.94 करोड़ (ब्याज के साथ) मिले हैं. इनमें से 3.60 करोड़ रुपये अभी खर्च नहीं किए गए हैं. उन्होंने जारी किए जा चुके रुपयों में से 104.50 फीसदी खर्च किया है.
राहुल झारिया