मुंबई: चूहे मारने के लिए लोगों को पैसा देने का बीएमसी का प्रस्ताव

मुंबई में एक महीने में लेप्टोस्पायरोसिस (चूहे के यूरिन से होने वाली बीमारी) से हुई 12 मौतों के बाद मुंबई नगर पालिका (बीएमसी) हरकत में आ गई है.

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मुंबई में पिछले दो सालों में लगभग 6 लाख चूहे मारे जा चुके हैं मुंबई में पिछले दो सालों में लगभग 6 लाख चूहे मारे जा चुके हैं

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2015,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST

मुंबई में एक महीने में लेप्टोस्पायरोसिस (चूहे के यूरिन से होने वाली बीमारी) से हुई 12 मौतों के बाद मुंबई नगर पालिका (बीएमसी) हरकत में आ गई है.

चूहों को मारने का नया नुस्खा
अंग्रेजी अखबार मुंबई मिरर के मुताबिक, बीएमसी ने चूहों की समस्या से निजात पाने के लिए एक नया नुस्खा निकाला है. बीएमसी ने लोगों के सामने प्रस्ताव रखा है कि अपने इलाके के चूहों को मारो और इसके बदले पैसा लो. फिलहाल मुंबई में चूहों को मारने के लिए बीएमसी का बजट साढ़े तीन करोड़ रुपये है, जो इस नए प्रस्ताव के बाद दोगुना हो सकता है.

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बजट दोगुना कर सकती है बीएसमसी
बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी पदमजा केसकर ने कहा, 'जो चूहों को मारने का सबूत पेश करेगा, बीएमसी उसे पैसा देगी. फिलहाल बीएमसी का चूहों को मारने के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपये का बजट है. अगर नागरिक इस प्रस्ताव को लेकर उत्साह दिखाते हैं तो बजट को दोगुना किए जाने की पूरी संभावना है. बीएसमसी के एडिशनल कमिश्नर संजय देशमुख ने कहा, 'बीएसमसी को अभी इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला करना है. हम प्राइवेट एजेंसी को भी चूहों के मारने का काम सौंपने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं.'

29 रैट किलर्स
अभी मुंबई में कुल 29 रैट किलर्स हैं और चूहों को मारने के बाद उनको हटाने के लिए 125 मजदूरों को काम पर लगाया हुआ है. पिछले दो साल में इस अभियान के तहत लगभग 6 लाख चूहे मारे जा चुके हैं.

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