एक बातचीत में केंद्रीय राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो और अभिनेता प्रकाश राज आपस में भिड़ गए. राजनीति में धार्मिक कट्टरता को लेकर दोनों में तीखी बहस हुई. इसकी शुरुआत तब हुई जब प्रकाश राज ने कहा, बीजेपी को संस्कृति और अपसंस्कृति का फर्क समझने की जरूरत है. जब हम हिंदुत्व की बात करते हैं तो उसमें सभी धर्म, आस्था के सम्मान की बात करते हैं, लेकिन बीजेपी इसे सिर्फ 'रिचुअल' में सीमित कर रही है.
ये वाकया बेंगलुरु (कर्नाटक) में आयोजित इंडिया टुडे के ‘कर्नाटक पंचायत’ में एक सेशन के दौरान का है. इस सेशन में बाबुल और प्रकाश राज के अलावा कांग्रेस लीडर खुशबू सुंदर, बीजेपी की प्रवक्ता मालविका अवनीश और अभिनेता प्रकाश राज थे. राजदीप सरदेसाई ने सत्र मॉडरेट किया.
प्रकाश राज ने बीजेपी के नेताओं पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा, वो सिर्फ वोट बैंक के लिए मंदिर जाते हैं. प्राकश ने आसनसोल में बाबुल के बयान की भी आलोचना की. प्रकाश के कमेंट से बाबुल नाराज हो गए. बाबुल ने कहा, मैंने जो बोला उसे गलत समझा गया. मैं बंगाल में पला-बढ़ा हूं. मैं यह नहीं कह सकता कि मैं कभी मंदिर नहीं गया या फिर मस्जिद नहीं गया. लेकिन मेरे घर में किसी तरह के धार्मिक अनुष्ठान नहीं होते.
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बाबुल ने बताया, कॉलेज के दिनों में मैंने बीफ भी खाया है. सबसे बड़ी बात कि अगर मैं अपने धर्म का सम्मान नहीं करता फिर कोई और कैसे करेगा. बाबुल सुप्रीयो इस बातचीत में काफी नाराज हो गए और उन्होंने प्रकाश राज पर पर्सनल कमेंट करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, आप ये तय नहीं कर सकते कि मैं क्या करूं और क्या नहीं. मैं मंदिर-मस्जिद दोनों ही जगह जा चुका हूं.
प्रकाश राज ने कहा, आप बीजेपी के सदस्य हैं इसलिए आप इन बातों को आसानी से कह सकते हैं, लेकिन आप बीजेपी मेंबर नहीं होते तो आपको यहां एंटी नेशनल का तमगा मिल जाता. उन्होंने कहा, हम सब आर्टिस्ट हैं. यहां हम कल्चर पर बात कर रहे हैं. क्या आपने कभी परिवार में किसी सदस्य को खोने का दर्द महसूस किया है. अपने बेटे को खोने का गम. कल जब इमाम ने बंगाल के दंगों में अपने बेटे को खो देने के बावजूद लोगों से शांति की अपील की. वहीं आप (बाबुल सुप्रियो) कहते हैं कि मैं लोगों की खाल खींच लूंगा.
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बाबुल ने कहा, प्रकाश जी आपका नॉलेज सही नहीं है. मैंने दो टीएमसी नेताओं के लिए ऐसा कहा था. प्रकाश जी का तो नॉलेज ही अधूरा है, वे हमें कल्चर सीखा रहे हैं? पहले आपके पास नॉलेज हो फिर उस पर बात करें. इस तीखी बहस को बाबुल सुप्रीयो ने किशोर कुमार के गाने को गुनगुनाकर खत्म किया.
ऋचा मिश्रा