'21 देशों में सबसे खराब है JNU की अटेंडेंस पॉलिसी'

JNU attendance policy जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अटेंडनेंस पॉलिसी का मामला फिर उठ गया है. शिक्षकों की ओर से कराए गए सर्वे में सामने आया है कि दुनियाभर के 21 देशों की 75 यूनिवर्सिटीज में से जेएनयू की अटेंडेंस पॉलिसी सबसे खराब है.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

मोहित पारीक

  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 4:20 PM IST

सासंदों की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के शिक्षक एसोसिएशन (JNUTA) ने अनिवार्य उपस्थिति मामले तो लेकर एक बार फिर जेएनयू प्रशासन पर हमला बोला है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षक संघ का कहना है कि एक सर्वे के अनुसार दुनियाभर के 21 देशों की 75 यूनिवर्सिटीज में से जेएनयू (JNU) की अटेंडेंस पॉलिसी सबसे खराब है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सर्वे में जेएनयू की अटेंडेंस पॉलिसी को 'विश्वविद्यालय के मूल्यों के प्रतिविरोधी' बताया है. जेएनयू शिक्षक संघ का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शिक्षकों से बात किए बिना ही अनिवार्ड अटेंडेंस की पॉलिसी लागू कर दी है. खास बात यह है कि यह नियम स्टूडेंट्स के साथ शिक्षकों के लिए भी लागू होगा. अब शिक्षकों को अटेंडेंस देनी होती है.

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साथ ही शिक्षक अकेडमिक काउंसिल की मीटिंग के एजेंडे में भी इस नियम का कोई जिक्र नहीं होने की बात कह रहे हैं. आरोप है कि यह नियम बिना किसी राय-मशविरा के ही लागू किया गया है और नियम लागू होने के बाद शिक्षकों की कई छुट्टियों पर भी रोक लगने लगी है.

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रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षक संघ ने इस पॉलिसी को गलत साबित करने के लिए दुनियाभर के 21 देशों में चलने वाली 75 यूनिवर्सिटीज की अटेंडेंस पॉलिसी का सर्वे किया. बताया जा रहा है कि इस सर्वे में शामिल अमूमन सभी शिक्षकों ने जेएनयू के इस नियम पर आश्चर्य जताया.

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