जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE Main 2019) की मेंस परीक्षा का आयोजन 6 जनवरी को होना है. पहली बार जनवरी में जेईई परीक्षा का आयोजन होने जा रहा है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से किए गए कई बदलावों के बाद यह परीक्षा इतनी जल्दी हो रही है. जिन परीक्षार्थियों ने इसके लिए आवेदन किया है, उन्हें ये भी जानने की जरूरत है कि इस बार यह परीक्षा में क्या कुछ नया है और किन-किन नियमों में बदलाव हुआ है.
इस बार आवेदन करने के नियमों से लेकर परीक्षा के आयोजन और चयन प्रक्रिया में कई बदलाव हुए हैं. साथ ही इस बार परीक्षा का आयोजन भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से किया जाएगा, जो कि पहली बार हो रहा है. यह एजेंसी कई एंट्रेंस परीक्षाओं का आयोजन करता है और नतीजे जारी करता है.
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- इस साल जेईई मेंस के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को आधार कार्ड की आवश्यकता नहीं थी और आगे भी उम्मीदवार बिना आधार कार्ड के अप्लाई कर सकते हैं. जिन उम्मीदवारों के पास आधार कार्ड नहीं है, वो भी एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं.
- जेईई मेंस परीक्षा मे पास होने के बाद आगे की प्रक्रिया जेईई एडवांस से गुजरना होता है. इस बार 16 हजार वीं रैंक लाने पर भी उम्मीदवारों का एडमिशन हो सकेगा.
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- जेईई मेंस की परीक्षा का आयोजन भले ही एनटीए की ओर से किया जा रहा है, लेकिन जेईई एडवांस परीक्षा का आयोजन आईआईटी की ओर से ही किया जाएगा. यह परीक्षा हर साल अलग-अलग आईआईटी संस्थानों की ओर से किया जाता है.
- पहले जेईई मेंस परीक्षा का आयोजन साल में एक बार होता था, जबकि अब यह परीक्षाएं दो बार होंगी. इस परीक्षा में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों को दो बार मौका मिलेगा. उम्मीदवार उस परीक्षा के नंबर के आधार पर एडमिशन ले सकेंगे, जिसमें उन्होंने ज्यादा अंक हासिल किए हो.
- इस बार परीक्षा का आयोजन कम्प्यूटर बेस्ड फॉरमेट के आधार पर होगा, जबकि यह परीक्षा ऑनलाइन नहीं होगी. इसके लिए उम्मीदवारों के लिए प्रेक्टिस सेंटर भी खोले गए हैं, जहां जाकर उम्मीदवार इसकी तैयारी कर सकते हैं. उम्मीदवारों को कंप्यूटर में पेपर डाउनलोड कर दिए जाएंगे और उसका जवाब कंप्यूटर पर ही देना होगा.
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