बिहार के CM मांझी ने मांगा मोदी से मुलाकात का वक्त, JDU ने चेताया

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अब उन्हीं की पार्टी जेडीयू खुलकर आंखें दिखाने लगी है. पार्टी ने उन्हें हद में रहने की हिदायत दे डाली है. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता साधु यादव से मुलाकात के बाद मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 20 जनवरी को मुलाकात का वक्त मांगा है. इसी बात से जेडीयू खासी नाराज बताई जा रही है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2015,
  • अपडेटेड 8:19 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को अब उन्हीं की पार्टी जेडीयू खुलकर आंखें दिखाने लगी है. पार्टी ने उन्हें लक्ष्मण रेखा न लांघने की हिदायत दे डाली है. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता साधु यादव से मुलाकात के बाद मांझी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 20 जनवरी को मुलाकात का वक्त मांगा है. इसी बात से जेडीयू खासी नाराज बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि मांझी मोदी से बिहार की विकास योजनाओं को लेकर बात करेंगे. लेकिन इस बैठक के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

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पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने मांझी का हिदायत देते हुए कहा कि मांझी नीतीश कुमार की खिंची सुशासन की लक्ष्मण रेखा न लांघें, क्योंकि उन्हें नीतीश के मंत्र पर ही काम करने को कहा गया है. उन्होंने कहा, 'सत्ता आनंद के लिए नहीं, सेवा के लिए है.' उन्होंने साधु यादव को आतंक का पर्याय तक कह डाला.

पिछले साल भी मिले थे मांझी-मोदी
जीतनराम मांझी और नरेंद्र मोदी पिछले साल जून में भी मिले थे. प्रधानमंत्री के दफ्तर की ओर से इसे 'शिष्टाचार के नाते हुई मुलाकात' बताया गया था. बताया जाता है कि इस बैठक में मांझी ने बिहार के लिए विशेष राज्य का मुद्दा उठाया था. लेकिन इस मुलाकात को लेकर वैसा विवाद नहीं हुआ था, जैसा अब हो रहा है.

दरअसल, हाल के दिनों में जीतनराम मांझी ने प्रधानमंत्री की तारीफों के पुल बांध चुके हैं. साथ ही उनके 'विवादास्पद' बयानों से जेडीयू की छवि को भी धक्का लगा है. हाल फिलहाल की उनकी गतिविधियों पर नजर डालें, तो मांझी की दिल्ली यात्रा पर और भी सवाल उठे हैं.

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दही चूड़ा पार्टी से RJD नाराज
दरअसल, 16 जनवरी को जीतन राम मांझी साधु यादव के घर गए और दही-चूड़े का लुत्फ उठाया. रिश्ते में साधु यादव आरजेडी प्रमुख लालू यादव के साले लगते हैं. लेकिन अरसे से दोनों के रिश्तों में खटास है. जेडीयू की परेशानी ये है कि पहले ही आरजेडी के साथ उनके विलय को लेकर अड़चने आ रही हैं. जेडीयू और आरजेडी मिलकर अब जनता परिवार बनाने वाले हैं. सूत्र बताते हैं कि आरजेडी के नेता मांझी को पसंद नहीं करते और उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के पक्षधर हैं. वहीं तल्ख तेवरों के साथ आरजेडी से अलग होने वाले साधु यादव से मुलाकात करके मांझी ने आरजेडी नेताओं को और भी नाराज कर दिया है. 

छटर-पटर कर रहे जेडीयू-आरजेडी वाले: साधू यादव
कांग्रेस नेता और बीजेपी के करीब होते जा रहे साधू यादव ने जेडीयू की ओर से खुद को आतंक का प्रयाय कहे जाने पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, 'जेडीयू-आरजेडी वाले छटर-पटर कर रहे हैं. बिहार की जनता गर्म है. ऐसे में जेडीयू और आरजेडी के बीच खलबली है.' साधु यादव ने सुरजभान सिंह, प्रभुनाथ सिंह, अनंत सिंह, पप्पू यादव का हवाल जैसे दबंग छवि वाले नेताओं का हवाला देते हुए कहा कि दोनों पार्टियां सुशासन कायम करने और जंगल राज दूर करने का झूठा दावा कर रही हैं.

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मांझी ने की थी मोदी की तारीफ
हाल ही में जहानाबाद की एक रैली में जीतनराम मांझी ने सरेआम कहा था, 'मैंने नरेंद्र मोदी से दोस्ती का हाथ बढ़ाने का काम किया है. मोदी गरीब-गुरबे के विकास की बात करते हैं और मैं भी गरीबो में एक गरीब हूं.' मांझी ने जिस मंच पर यह बता कही, वहां जेडीयू का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था.

बहरहाल, 16 जनवरी को साधू यादव से मिलने के बाद मांझी दिल्ली रवाना हो गए. दिल्ली से उन्हें मुंबई जाना था. 20 जनवरी को नरेंद्र मोदी से मुलाकात की तैयारी है. 21 जनवरी को जीतनराम मांझी वापस पटना लौटेंगे.

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