मुंबई के रॉयल ओपेरा हाउस में वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की किताब 'डेमोक्रेसी XI- द ग्रेट इंडियन स्टोरी' का विमोचन किया गया. कार्यक्रम में दिग्गज क्रिकेटर्स के अलावा कई जानी-मानी हस्तियां मौजूद रहीं. किताब के विमोचन के मौके पर सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर ने क्रिकेट मैदान के अंदर और बाहर के कई किस्सों को याद किया.
सचिन ने बताया कि विदेश दौरे पर कई बार ऐसे भी खिलाड़ी जाया करते थे जिन्हें अंग्रेजी भाषा का बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था और जब विदेश खिलाड़ी उन्हें स्लेज करते थे तब उन्हें समझ ही नहीं आता था. इस मौके पर दिग्गज क्रिकेटर मंसूर अली ख़ान (टाइगर पटौदी) को याद करते हुए सुनील गावस्कर ने बताया कि पटौदी बहुत अच्छा तबला बजाते थे और कई मौके पर गुनगुनाते भी थे. पटौदी नवाब होने के बावजूद भी मैदान पर बाकी खिलाड़ियों की तरह ही बर्ताव किया करते थे.
आज के दौर में जहां क्रिकेटर्स कड़ी सुरक्षा की बीच रहते हैं और करोड़ों का करार रखते हैं लेकिन बीते दौर में ऐसा नहीं था. सचिन और गावस्कर ने बताया कि शुरुआती दिनों में वह रणजी और अंडर-16 खेलने के दौरान हवाई सफर नहीं बल्कि ट्रेन से ही सफर किया करते थे और उस जमाने में मैच फीस भी काफी कम हुआ करती थी.
पहली बार 1983 में क्रिकेट विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव के बारे में चर्चा करते हुए गावस्कर ने कहा कि आमतौर पर क्रिकेट में मुंबई-दिल्ली जैसे महानगरों के क्रिकेटर्स ही छाया करते थे लेकिन कपिल देव ने उस धारणा को तोड़ा. गावस्कर ने कहा कि अगर आज भारतीय तेज गेंदबाजी नए आयाम छू रही है तो उसके पीछे कपिल का काफी अहम योदगान है.
सचिन ने भी 1990 के पाकिस्तान और न्यूजीलैंड दौरे को याद करते हुए कहा कि उस दौरे में कपिल पाजी मेरे रूम पार्टनर थे. सचिन ने बताया कि सीनियर होने के बावजूद प्रैक्टिस के लिए जगाते वक्त वह उनके लिए चाय बनाने को भी तैयार रहते और हमेशा नए खिलाड़ियों को भी पूरा सम्मान और प्यार देते थे.
सचिन ने भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली की आक्रामकता की सराहना की. सचिन ने कहा कि उन्होंने कोहली में जो आक्रामकता भारत के लिए पदार्पण करने के दौरान देखी थी और उनकी यह खूबी अब पूरी टीम में है. तेंदुलकर ने कहा, ‘टीम में आने के बाद कोहली के रवैये में बदलाव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि कोहली की जिस आक्रामकता की कभी आलोचना की जाती थी आज के दौर में वही भारतीय टीम का मजबूत पक्ष बन गया है. उसमें काफी बदलाव नहीं आया लेकिन उसके आस पास के लोग बदल गए. कोहली का रवैया सिर्फ उसके प्रदर्शन के कारण बदला और एक खिलाड़ी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उसे खुद को जाहिर करने की स्वतंत्रता मिले.
सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर ने कार्यक्रम में क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले के साथ खेल के कई पहलुओं पर चर्चा की. इस मौके पर पूर्व भारतीय कप्तान अजीत वाडेकर, मोहम्मद अजहरूद्दीन, माधव आप्टे, नारी कांट्रैक्टर, विनोद कांबली और प्रवीण आमरे भी मौजूद थे.
अनुग्रह मिश्र