भारत ने प्रत्यर्पण संधि की ओर बढ़ाया कदम, माल्या को देश लाने की कोशिश

विजय माल्या को स्वदेश लाने में भले ही भारत को झटका लगा है. लेकिन सरकार का मानना है कि वो विजय माल्या को भारत में प्रत्यर्पण करा लेगी. इसी कड़ी में भारत ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि करने की कोशिश में है.

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अमित कुमार दुबे / अशोक सिंघल

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2016,
  • अपडेटेड 10:46 AM IST

विजय माल्या को स्वदेश लाने में भले ही भारत को झटका लगा है. लेकिन सरकार का मानना है कि वो विजय माल्या को भारत में डिपोर्ट करा लेगी. इसी कड़ी में भारत ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि करने की कोशिश में है. 

भारत के 42 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि
इस बीच लोकसभा में एक सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि इस वक्त 42 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि हो चुका है और 9 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि की व्यवस्था है. भारत सरकार अब इसी प्रत्यर्पण संधि के तहत जो भी अपराधी हैं उसे भारत की जमीन पर लाकर उसपर कानूनी कार्रवाई करना चाहती है.

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9 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि की व्यवस्था लागू
भारत ने जिन 42 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि की है, उनमें UK, ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, बहरीन, बांग्लादेश, तुर्की, अमेरिका, पुर्तगाल, ब्राजील, फ्रांस समेत कई दूसरे देश हैं. यही नहीं, 9 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि की व्यवस्था का काम पूरा भी कर लिया गया है. इनमें से क्रोएशिया, फिजी, इटली, पापुआ न्यूगिनी, पेरू और श्रीलंका शामिल हैं.

कई अपराधी प्रत्यर्पण के जरिये भारत लाये गए
विदेश मंत्रलय ने जो 2002 से 2015 तक पूरी लिस्ट दी है उसमें से 60 लोगों को या तो प्रत्यर्पण के जरिये या फिर उनको भारत में डिपोर्ट किया गया है. जानकारी के मुताबिक 2005 में डॉन अबु सलेम और मोनिका बेदी को पुर्तगाल से भारत में प्रत्यर्पण किया गया. छोटा राजन इंडोनेशिया से तो अनूप चेतिया को बांग्लादेश से साल 2015 में प्रत्यर्पण किया गया. इसी के तहत जगतार सिंह तारा को थाईलैंड से भारत लाया गया. अब इसी दिशा में सरकार को उम्मीद है कि वह विजय माल्या को भी ब्रिटेन से भारत लाने में कामयाब होगी.

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