मूड ऑफ द नेशन सर्वे: बीजेपी की जीत के बावजूद पीएम मोदी के लिए हैं ये 5 चेतावनी

इंडिया टुडे-कार्वी के मूड ऑफ द नेशन जुलाई 2018 पोल में बीजेपी भले ही पहले नंबर की पार्टी हो, लेकिन अपने दम पर सरकार बनाती नजर नहीं आ रही है. इतना ही नहीं पिछले चुनाव की तुलना में उसकी सीटें कम हो रही हैं, जो बीजेपी के लिए चुनौती भरे संकेत हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 11:29 AM IST

इंडिया टुडे-कार्वी के मूड ऑफ द नेशन जुलाई 2018 पोल (MOTN, जुलाई 2018) के मुताबिक अगर आज चुनाव होते हैं तो बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही, लेकिन बहुमत के जादुई आंकड़े से दूर रहेगी. ऐसे में सरकार बनाने के लिए उसकी सहयोगी दलों पर निर्भरता बढ़ेगी. इस सर्वे में पीएम नरेंद्र मोदी और पार्टी के लिए चेतावनी के संकेत साफ नजर आ रहे हैं.

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बता दें कि यह सर्वे 97 संसदीय क्षेत्रों और 197 विधानसभा क्षेत्रों के 12,100 लोगों के बीच कराया गया. सर्वे 18 जुलाई 2018 से लेकर 29 जुलाई 2018 के बीच कराया गया था.

1- बीजेपी को झटका

इंडिया टुडे-कार्वी के मूड ऑफ द नेशन सर्वे के मुताबिक 543 लोकसभा सीटों में से बीजेपी को 245 सीटें मिलती दिख रही हैं. जबकि 2014 के चुनाव में 282 सीटें मिली थी. इस तरह से पिछले चुनाव की तुलना में 37 सीटें घटती दिख रही हैं. इस तरह से बीजेपी को अपने दम पर 272 सीटों के बहुमत के आंकड़े से 27 सीटें कम मिल रही हैं.

2- अबकी बार सहयोगी के सहारे सरकार

सर्वे के लिहाज से देंखे तो बीजेपी को सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों के सहारे की जरूरत होगी. हालांकि बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को सर्वे में 281 सीटें मिल रही हैं. यूपीए के खाते में 122 सीटें मिल रही हैं.  जबकि अन्य सहयोगी दलों के खाते में शेष 140 सीटें आने की उम्मीद है.

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3- बड़े फैसले लेने में आएगी दिक्कत

मौजूदा मोदी सरकार को अभी सहयोगी दलों पर निर्भर रहना नहीं पड़ता है. लेकिन बहुमत से कम सीटें होने के नाते सहयोगी दलों पर निर्भरता और बढ़ेगी. इस तरह बड़े और कड़े फैसले करने से पहले उन्हें सहयोगी दलों के साथ भी विचार-विमर्श करने होंगे. इसके बाद ही कोई कदम उठा पाएंगे. जबकि अभी ऐसी स्थिति नहीं है. यही वजह थी कि पीएम मोदी ने नोटबंदी जैसे कड़े फैसले ले सके हैं. सर्वे के नतीजे चुनावी नतीजे में बदले तो सरकार के तेवर में भी बदलाव दिखेगा.

4- ये समीकरण बने तो बीजेपी को मुश्किल हो जाएगी

सर्वे के मुताबिक सपा, बसपा, टीएमसी, टीडीपी और पीडीपी जैसे दल अगर कांग्रेस नेतृत्व वाले यूपीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो ऐसे में आंकड़े चौंकाने वाले हो सकते हैं. एनडीए और महगठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला होगा. ऐसी सूरत में एनडीए को 255 सीटें और यूपीए को 242 सीटें मिल सकती हैं. जबकि अन्य को 46 सीटें मिल सकती हैं. इस त्रिशंकु स्थिति में दोनों गठबंधनों को अन्य सांसदों के साथ लाने की बड़ी चुनौती होगी.

5- दूसरे नंबर पर पीएम की पसंद राहुल

देश के अगले प्रधानमंत्री के रूप में सबसे पसंदीदा नेता के मामले में नरेंद्र मोदी का जादू बरकरार है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की 27 फीसदी की तुलना में मोदी की लोकप्रियता 49 फीसदी है. इन दोनों नेताओं के अलावा तीसरी पसंद प्रियंका गांधी हैं जिन्हें महज 3 फीसदी वोट मिले हैं. भले ही पीएम पद पर पहली पसंद मोदी हैं, लेकिन जिस तरह से राहुल का ग्राफ बढ़ा है. वो बीजेपी के लिए एक खतरे की घंटी है. 

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