इंडिया टुडे कॉन्क्लेव- 2016 के मंच से शुक्रवार को कॉमेडियन और स्क्रीनराइटर वरुण ग्रोवर ने मौजूदा समय में हास्य की व्यथा को सबके सामने रखा. चुटकले सुनाकर, सबको हंसाते हुए ही सही, वरुण ने कई ऐसे सवालों और मुद्दों की ओर ध्यान खींचा, जिन पर देश को और देश के पालनहारों को सोचने-विचारने की जरूरत है. वरुण ने कहा कि आज के समय में उन जैसे कई कॉमेडी आर्टिस्ट कई बार कुछ भी कहने से डरते हैं.
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'लाफ्टर इन द डार्क' सत्र में वरुण ने कहा, 'मुझसे मेरे कई साथी कहते हैं कि आज कॉमेडी नहीं करने दी जा रही है. डर लग रहा है. लेकिन मुझे लगता है कॉमेडी के लिए जो सबसे खराब समय होता है, वही असल में कॉमेडी के लिए सबसे अच्छा समय भी होता है.'
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वह आगे कहते हैं, 'मैं पहले मनमोहन सिंह के दौर में भी मजाक करता था. कांग्रेस को लेकर चुटकुले सुनाता था. लेकिन तब मुझसे कोई कुछ नहीं कहता. सब हंसते. लेकिन आज वो समय नहीं रहा. लोग सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक ट्रॉल करते हैं कि तुम ऐसा क्यों कर रहे हो. तुम प्रधानमंत्री को लेकर ऐसा कैसे कह सकते हो. सरकार के बारे में ऐसा कैसे कह सकते हो.'
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'आज के हालात ही कॉमेडी हैं'
हालांकि, अपने चुटीले अंदाज में वरुण ने आगे यह भी कहा कि आज हालात ऐसे हैं कि कॉमेडी करने की जरूरत ही नहीं है. सब अपने आप में कॉमेडी है. वह कहते हैं, 'बात ही ऐसी होती है कि आपको कॉमेडी करने की जरूरत नहीं है. अब एक आदमी के लिए हल्ला हुआ कि बीफ खाया उसने, भीड़ ने उसे मार डाला. विदेश में ऐसा होता तो लाश को पुलिस ले जाती. लाश की फोरेंसिक जांच होती. अब यहां भी पुलिस आई, लेकिन आदमी के घर में फ्रीज से मांस निकालकर उसकी फॉरेंसिक जांच करने ले गई.'
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'असहिष्णुता के मुद्दे पर कसा तंज'
सत्र के दौरान हंसाते और चुटकुला सुनाते हुए वरुण ने असहिष्णुता के मुद्दे पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा, 'आज आप किसी को कहिए कि आप असहिष्णु हो गए हैं तो वो कहेगा कि तुमने मुझे असहिष्णु कहा, मैं तुम्हारी टांगे तोड़ दूंगा.' इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचपन पर आधारित किताब 'बाल नरेंद्र' को लेकर भी खूब कटाक्ष किया. खासकर तालाब से गेंद निकालने और उस दौरान मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ लाने की घटना पर.
स्वपनल सोनल