राजस्थान में बदला इतिहास, अब महाराणा प्रताप होंगे हल्दीघाटी के विजेता

राजस्थान के स्कूलों में अब नया इतिहास पढ़ाया जाएगा. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10 के सोशल साइंस की किताब में हल्दीघाटी युद्ध से जुड़े नए इतिहास को पढ़ाने की तैयारी है. नए इतिहास के मुताबिक हल्दीघाटी युद्ध में महराणा प्रताप जीते थे और अकबर की सेना हार कर भाग गई थी.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

विकास कुमार / शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 25 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 7:15 PM IST

राजस्थान के स्कूलों में अब नया इतिहास पढ़ाया जाएगा. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 10 के सोशल साइंस की किताब में हल्दीघाटी युद्ध से जुड़े नए इतिहास को पढ़ाने की तैयारी है. नए इतिहास के मुताबिक हल्दीघाटी युद्ध में महाराणा प्रताप जीते थे और अकबर की सेना हार कर भाग गई थी.

अभी तक ये पढ़ाया जाता था कि हल्दीघाटी की लड़ाई में न तो महाराणा प्रताप जीते थे और ना ही अकबर की सेना लेकिन अब जो पढ़ाया जाएगा उसके मुताबिक हल्दीघाटी की लड़ाई बेनतीजा नहीं थी. नए इतिहास के मुताबिक महाराणा प्रताप अपनी मातृभूमि मेवाड़ की रक्षा के लिए बहादूरी से लड़े थे और उनकी सेना ने अकबर की सेना को लड़ाई के मैदान से भगा दिया था.

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राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने इसे सही ठहराते हुए कहा कि कि अबतक इतिहास ठीक नहीं पढ़ाया जा रहा था मगर अब उसे ठीक कर लिया गया है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर अकबर हल्दीघाटी का युद्ध जीतता तो लौटकर 6 बार हमला क्यों करता? वो बार-बार हमला इसलिए करता था क्योंकि वो हर बार पराजित हो रहा था.

राजस्थान में सरकार बनते ही शिक्षा मंत्री ने सबसे पहले 'अकबर महान ' नाम के चैप्टर को हटाया था और कहा था कि अकबर महान क्यों है? महराणा प्रताप महान क्यों नहीं है?

इसके बाद उदयपुर के राजस्थान विधापीठ विश्वविधालय के मीरा कन्या महाविधालय के एक प्रोफेसर डाक्टर चंद्रशेखर शर्मा ने एक शोध किया. इस शोध में उन्होंने पाया कि कि हल्दीघाटी की 18 जून 1576 की लड़ाई में महराणा प्रताप ने अकबर को हराया था. डॉ. शर्मा ने अपने रिसर्च में प्रताप की जीत के पक्ष में ताम्र पत्रों के प्रमाण जनार्दनराय नागर राजस्थान विधापीठ विश्वविधालय में जमा कराए हैं. शर्मा की खोज के अनुसार युद्ध के बाद अगले एक साल तक महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी के आस-पास के गांवों की जमीनों के पट्टे ताम्र पत्र के रूप में बांटे थे जिन पर एकलिंगनाथ के दीवान प्रताप के हस्ताक्षर हैं.

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उस समय जमीनों के पट्टे जारी करने का अधिकार सिर्फ राजा को ही होता था. जो साबित करता है कि प्रताप हीं युद्ध जीते थे. डॉ. शर्मा ने शोध किया है कि हल्दीघाटी युद्ध के बाद मुगल सेनापति मान सिंह व आसिफ खां के युद्ध हारने से अकबर नाराज हुए थे. दोनों को छह महीनें तक दरबार में नहीं आने की सजा दी गई थी. शर्मा कहते हैं कि अगर मुगल सेना जीतती तो अकबर अपने प्रिय सेनापतियों को दंडित नहीं करते. इससे साफ जाहिर है कि महराणा ने हल्दीघाटी के युद्ध को संपूर्ण साहस के साथ जीता था.

डा. शर्मा का ये शोध जयपुर के किशनपोल विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक मोहनलाल गुप्ता ने पढ़ी और राजस्थान सरकार से इतिहास बदलने के लिए चिट्ठी लिखी. इस चिट्ठी पर पहले राजस्थान विश्वविधालय के सिंडिकेट में चर्चा हुई और डा. चंद्रशेखर शर्मा की खोज को सही मानते हुए राजस्थान विश्वविधालय ने अपने पाठ्यक्रम में बदलाव किया. राजस्थान विश्वविधालय के इतिहास विभाग ने स्ट्रगलिंग इंडिया (1200 से 1700 एडी) का नाम बदलकर 'गोल्डन एरा ऑफ इंडिया' रख दिया था.

 

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