बांग्लादेश के उत्तरी पंचागढ़ जिले में हिंदू पुजारी की गला काटकर हत्या

समझा जा रहा है कि हमलावरों की संख्या तीन थी और वे मोटरबाइक पर सवार होकर मौके से फरार हो गए.

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पंचागढ़ जिले की घटना पंचागढ़ जिले की घटना

स्‍वपनल सोनल / मनोज्ञा लोइवाल

  • ढाका,
  • 21 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले की एक घटना में रविवार को अज्ञात लोगों ने एक मंदिर में हिंदू पुजारी की गला काटकर हत्या कर दी. पुलिस ने बताया कि उत्तरी पंचागढ़ जिले के एक मंदिर परिसर में 50 वर्षीय जनेश्वर राय पर हमला हुआ, जिसमें दो हिंदू श्रद्धालु भी घायल हो गए.

समझा जा रहा है कि हमलावरों की संख्या तीन थी और वे मोटरबाइक पर सवार होकर मौके से फरार हो गए. एक श्रद्धालु का के बताया, 'पहले तो हमलावरों ने मंदिर पर पथराव किया, जिसके कारण पुजारी जनेश्वर राय माजरा जानने के लिए बाहर निकले. हत्यारों ने इसके बाद उनपर झपट्टा मारा और उनका गला रेत दिया.' पंचागढ़ पुलिस प्रमुख गियासुद्दीन अहमद ने घटनास्थल पर बताया कि वहां से फरार होने से पहले हत्यारों ने पकड़े जाने से बचने के लिए गोलियां चलाईं और देसी बम फेंके. पुजारी को बचाने आया पड़ोस का एक व्यक्ति इसमें घायल हो गया.

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हत्यारों की तलाश
पुलिस प्रमुख ने कहा, 'हमलावरों की पहचान या हत्या के पीछे का मकसद स्पष्ट नहीं है. निश्चित रूप से जांच शुरू की जाएगी और कातिलों का पता लगाने के लिए तलाश शुरू की जाएगी.' सुन्नी बहुल बांग्लादेश में हाल के महीनों में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर सुनियोजित हमले हुए हैं, जिसमें दो विदेशियों सहित नौ लोगों की मौत हुई और करीब 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

सितंबर में दरगाह के कार्यकर्ता की हुई थी हत्या
बता दें कि इससे पहले सितंबर में ढाका में अज्ञात हमलावरों ने इतालवी सहायक कर्मी सीजर तावेला की हत्या कर दी थी और पांच दिन बाद जापानी किसान कुनीयो होशी की हत्या कर दी गई थी. इस्लामिक स्टेट से संबद्ध आतंकवादियों ने इन दोनों हत्यायों की जिम्मेदारी ली थी. उदारवादी सूफी संत खिजीर खान, प्रगतिवादी पुस्तक प्रकाशक फैजल आरेफिन दीपन और दरगाह के एक कार्यकर्ता की भी हत्या कर दी गई थी, जबकि हमले में दो ईसाई पादरी बाल बाल बच गए.

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