दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में मैक्सफोर्ट स्कूल को केजरीवाल सरकार की ओर से टेक ओवर को लेकर फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने को कहा है. कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय को कहा कि आप जांच कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल स्कूल के खिलाफ सरकारी टेक ओवर करने समेत कोई कड़ा कदम न उठाए.
बच्चों के स्कूल में पुलिस का क्या काम?
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और DOE को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि आप स्कूल को टेक ओवर करने के दौरान वहां पुलिस को लेकर क्यों गए? ये छोटे-छोटे बच्चों का स्कूल है. कोर्ट को
नहीं लगता कि वहां पुलिस की जरूरत थी.
कमिश्नर से आई कार्ड क्यों मांगा?
इसके अलावा कोर्ट ने इंस्पेक्शन के लिए जिस कोर्ट कमिश्नर को स्कूल भेजा था उसको भी दिल्ली सरकार और DOE के अधिकारियों ने स्कूल में घुसने से पहले आई कार्ड दिखाने के लिए
कहा. कोर्ट ने नाराजगी जताई कि कोर्ट के भेजे कमिश्नर के साथ आपने ऐसा बर्ताव क्यों किया?
अगली सुनवाई 23 अगस्त को
कोर्ट ने इस मामले में कहा कि कोर्ट पहले दोनों स्कूल की वीडियो रिकॉर्डिंग देखना चाहता है जो स्कूल को टेक ओवर करने के दौरान बनाया गया था. कोर्ट ने दोनों पक्षों को इस मामले में
अपना हलफनामा देने को कहा है, ताकि सरकार और स्कूल दोनों का पक्ष कोर्ट के सामने साफ हो सके. मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.
मैक्सफोर्ट स्कूल पर हैं कई आरोप
मैक्सफोर्ट स्कूल पर आर्थिक अनियमितताओं का आरोप है. साथ ही EWS कैटेगरी के बच्चों को एडमिशन न देने और टेम्पररी कॉन्ट्रैक्ट पर टीचर्स रखने का भी आरोप है. हाल ही में LG ने
दिल्ली सरकार को स्कूल को टेक ओवर करने की इजाजत दे दी थी. जिसके बाद दिल्ली सरकार ने स्कूल को सील करना शुरू कर दिया था.
स्कूल के सरकारी टेक ओवर का पहला मामला
गौरतलब है कि करीब 4 महीने पहले ही दिल्ली सरकार ने कहा था कि इस प्राइवेट स्कूल की गड़बडियो को देखते हुए सरकार इसे टेक ओवर करेगी. केजरीवाल सरकार की तरफ से ये किसी
प्राइवेट स्कूल को टेक ओवर करने का ये पहला मामला है. दिल्ली में स्कूल की दो ब्रांच है. एक पीतमपुरा और एक रोहिणी में है.
केशव कुमार / पूनम शर्मा