साइबर सिटी गुरुग्राम महिलाओं के लिए अनसेफ सिटी बनती जा रही है. या यूं कहें कि मिलेनियम सिटी अब रेप सिटी बनने की तरफ बढ़ रही है. ऐसा ही मामला गुरुवार रात को सामने आया जब मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली महिला से रेप की कोशिश की गई. महिला ने किसी तरह से अपनी इज्जत तो बचा ली, लेकिन गुरुग्राम पुलिस ने लचर कार्यप्रणाली का शिकार हो गई. दरअसल गुरुग्राम पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने की बजाय उसे अलग-अलग थानों में चक्कर कटवाए.
गुरुवार को रात करीब 8 बजे एक महिला ने गुरुग्राम के शंकर चौक से हीरो होंडा चौक के लिए एक कैब ली. कैब में पहले से ही तीन युवक सवार थे. झाड़सा चौक से पहले तक सब कुछ ठीक-ठाक था, लेकिन जैसे ही झाड़सा चौक के करीब कैब पहुंची तो उसमें बैठे तीन युवक महिला से छेड़छाड़ करने लगे. महिला के साथ बूरी तरह से मारपीट भी गई, लेकिन राह चल रहे किसी आदमी को इसकी भनक तक नहीं लगी. जब कैब राजीव चौक के पास पहुंची तो महिला ने खुद को किसी तरह उन युवकों के चंगुल से छुड़ाया और पति को अपनी आपबीती सुनाई. इसके बाद दोनों सुभाष चौक स्थित सदर थाने पर भी गए, लेकिन गुरुग्राम पुलिस के एफआईआर दर्ज करने की बजाय वारदात वाली जगह पर घुमाती रही.
इसके बाद पुलिस ने दूसरे थाने का मामला होने का हवाला देकर पिंड छुड़ा लिया. जब पीड़िता व उसका पति दूसरे थाने पहुंचे तो पुलिस का सबसे घिनौना रूप सामने आया. पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने तक से साफ इनकार कर दिया. लगतार पीड़ित परिवार पुलिस से फरियाद करता रहा, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. उल्टा पुलिस पीड़िता पर मोबाइल चोरी की एफआईआर दर्ज करवाने का दबाव बनाने लगी. अपनी इस घटिया कार्यप्रणाली पर पुलिस अब बहाने बनाने में लगी है.
तनसीम हैदर / रणविजय सिंह