रोडरेज केसः तीन दिन से गया में थी मनोरमा देवी, पुलिस ने दिया सेफ पैसेज

पिछले तीन दिनों से गया अदालत में जबरदस्त पहरे के बावजूद मनोरमा देवी एक बार फिर पुलिस को चकमा देने में कामयाब रही. कुछ लोग इसे पुलिस की नाकामी करार दे रहे हैं, लेकिन चर्चा इस बात की कहीं ज्यादा है कि पुलिस ने मनोरमा देवी को सेफ पैसेज दिया है.

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मनोरमा देवी को पुलिस के सेफ पैसेज देने की चर्चा तेज मनोरमा देवी को पुलिस के सेफ पैसेज देने की चर्चा तेज

केशव कुमार / कुमार अभिषेक

  • पटना,
  • 17 मई 2016,
  • अपडेटेड 6:20 PM IST

जजों के लिए बनाए रास्ते से चुपचाप अदालत में घुसकर सरेंडर कर देने वाली जेडीयू एमएलसी मनोरमा देवी को पुलिस ने सेफ पैसेज दिया था. यह चर्चा इसलिए जोरों पर है कि पुलिस की कई टीम उन्हें कई दिनों से हर तरफ तलाश रही थी. वहीं बीते तीन दिनों से मनोरमा देवी गया शहर में अदालत से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर ही छिपी हुई थीं.

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जजों के लिए बने खास रास्ते से घुसीं मनोरमा
गया कोर्ट में जजों के लिए बने मेन गेट पर कोर्ट का संतरी होता है. कोई दूसरा आदमी जल्दी वहां से नहीं घुसने की हिम्मत नहीं करता. गया रोडरेज केस के बाद पुलिस की गिरफ्त से फरार मनोरमा देवी इसी रास्ते से पैदल चुपचाप अदालत परिसर में घुसीं.

कोर्ट के चप्पे-चप्पे पर पहले जुटे समर्थक
अदालत में घुसने की ऐसी टाइमिंग सेट की गई थी कि मनोरमा देवी के पहले उनके लोग वहां चप्पे-चप्पे पर मौजूद थे. जैसे ही सीजेएम 4 की अदालत का दरवाजा खुला वैसे ही मनोरमा देवी कोर्ट रूम में जा पंहुची.

पुलिस के आने से पहले कोर्ट में घुसीं मनोरमा
गया कोर्ट में घुसने के तीन गेट हैं. इनमें से दो दरवाजे से आम लोग, वकील, पेशी के लिए आए आरोपी और पुलिस जाती है, जबकि एक गेट सिर्फ जजों के लिए होता है. जहां सुबह सुरक्षाकर्मियों के आने के पहले मनोरमा देवी घुस गईं. उनको सबसे पहले थाने की जिप्सी के ड्राइवर ने देखा. जबतक पुलिस के लोग मनोरमा तक पंहुचते वो अदालत की सीढ़ियां चढ़ चुकी थीं.

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पुलिस की नाकामी से ज्यादा सेफ पैसेज की चर्चा
पिछले तीन दिनों से गया अदालत में जबरदस्त पहरे के बावजूद मनोरमा देवी एक बार फिर पुलिस को चकमा देने में कामयाब रही. कुछ लोग इसे पुलिस की नाकामी करार दे रहे हैं, लेकिन चर्चा इस बात की कहीं ज्यादा है कि पुलिस ने मनोरमा देवी को सेफ पैसेज दिया है.

160 घंटे तक कहां थी मनोरमा देवी?
पुलिस हर रोज दर्जनों जगह छापेमारी का दावा करती रही, लेकिन मनोरमा का सुराग तक नहीं ढूंढ सकी. मनोरमा ने दिन और वक्त खुद तय कर सरेंडर किया. जेडीयू एमएलसी के करीबी सूत्रों के मुताबिक शुरू के 100 घंटे मनोरमा कोंच के आति इलाके में थी. वहां दिन में भी पुलिस नहीं जाती. सरेंडर तय होता देखकर उन्होंने अपना ठिकाना बदला और तीन दिन पहले गया के मारनपुर मोहल्ले के एक घर में छिप गई थीं.


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मनोरमा देवी ने बदले थे दो ठिकाने
गया कोर्ट से महज डेढ़ किलोमीटर दूरी पर मारनपुर मोहल्ले में छिपी मनोरमा देवी को सरेंडर करने में आसानी हुई. उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक मनोरमा ने ज्यादा ठिकाने नहीं बदले. वह सिर्फ दो जगहों पर ही छिपी रही. इनमें से एक जगह तो गया के ग्रामीण इलाके कोंच के आति गांव में तो दूसरा ठिकाना गया शहर में ही था.

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