खुलासाः गौरी लंकेश की हत्या की साजिश में शामिल थे 4 और संदिग्ध

पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में जांच कर रही एसआईटी ने खुलासा किया है कि गौरी लंकेश के कत्ल की साजिश में चार और संदिग्ध शामिल हैं. कुल मिलाकर इस मामले की एफआईआर में सात नामों का उल्लेख किया गया है.

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इस मामले की जांच अब एसआईटी कर रही है इस मामले की जांच अब एसआईटी कर रही है

परवेज़ सागर

  • बेंगलुरू,
  • 05 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में जांच कर रही एसआईटी ने खुलासा किया है कि गौरी लंकेश के कत्ल की साजिश में चार और संदिग्ध शामिल हैं. कुल मिलाकर इस मामले की एफआईआर में सात नामों का उल्लेख किया गया है.

सूत्रों के मुताबिक, एफआईआर में चार और नाम जोड़े जाएंगे. ये वो चार लोग हैं जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे इस हत्याकांड के षड्यंत्र में शामिल हैं.

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सूत्रों ने बताया कि आरोपी हत्यारे परशुराम वागमारे को हत्या से दो महीने पहले जुलाई 2017 में दो लोगों ने बंदूक चलाने की ट्रेनिंग दी थी. वागामेयर को बेलगाम जिले के जंगलों में एक एयर गन पिस्टल के साथ प्रशिक्षित किया गया था. वागामेयर को पास से शूट करने के लिए केवल दो दिन का प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया गया था.

इस मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत एसआईटी के हाथ लगा है. दरअसल, हत्या में इस्तेमाल की जाने वाली बंदूक हत्या से पहले जहां छिपाई गई थी, वहां बालों का गुच्छा मिला है. सूत्रों ने बताया कि बंदूक बेंगलुरू के एक घर में छिपाई गई थी और बालों का गुच्छा वहीं पाया गया.

बालों को वैज्ञानिक विश्लेषण और जांच के लिए भेजा जाएगा. ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या ये बाल किसी भी आरोपी से संबंधित हैं.

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एक प्रमुख हिंदू संगठन के कोर सदस्यों को गौरी लंकेश की हत्या के पीछे मास्टरमाइंड माना जाता है. संगठन की हिट लिस्ट में 37 नाम थे और गौरी लंकेश उनमें से एक थीं.

सूत्रों ने इस बात की पुष्टि भी की है कि आरोपी अमोल काले से बरामद की गई डायरी को हैंडराइटिंग की जांच के लिए भेजा गया है. हालांकि, एसआईटी को हत्या में इस्तेमाल किए गए वास्तविक हथियार और बाइक का सुराग अभी तक नहीं मिला है.

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