रिलायंस के साथ नई पारी की शुरुआत, बोर्ड में शामिल हुईं अरुंधति

अरुंधत‍ी भट्टाचार्य  ने 1977 में बतौर प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर भारतीय स्टेट बैंक जॉइन किया था. तब से लेकर आज तक उन्होंने अपने काम से लोगों के दिलों पर राज किया है.

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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य (फाइल फोटो- रॉयटर्स) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य (फाइल फोटो- रॉयटर्स)

राहुल मिश्र / मोहित ग्रोवर

  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 9:36 AM IST

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की पूर्व चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य को रिलायंस इंडस्ट्री बोर्ड में बतौर स्वतंत्र अतिरिक्त निदेशक शामिल किया गया है. मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले इस समूह में अरुंधति को शामिल करने की सूचना रिलायंस ने 17 अक्टूबर को लिया और अब वह 5 साल तक रिलायंस के बोर्ड में रहेंगी. रिलायंस ने 18 अक्टूबर को शेयर बाजार नियामक को इस बारे में सूचना दी है.

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गौरतलब है कि इससे कुछ दिनों पहले ही अरुंधति को निजी क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय ईक्विटी कंपनी क्रिसकैपिटल एडवाइजर्स एलएलपी ने बतौर सलाहकार नियुक्त किया था.

अरुंधति देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई में 1977 में बतौर प्रोबेश्नरी ऑफिसर शामिल हुई थीं और 2013 में इस बैंक का नेतृत्व करने वाली वह पहली महिला बनी थीं. अरुंधति चार साल तक एसबीआई की प्रमुख रहीं और अक्टूबर 2017 में उन्होंने एसबीआई के उच्च पद से इस्तीफा दे दिया था.

स्टेट बैंक में अपने 40 साल के कार्यकाल के दौरान भट्टाचार्य कई अहम पदों पर रहीं और बैंक की प्रमुख बनने से पहले वह विदेशी मुद्रा, ट्रेजरी, रीटेल बैंकिंग, एचआर और इंवेस्टमेंट बैंकिंग विभागों की प्रमुख रहीं. बैंक प्रमुख बनने से पहले अरुंधति स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कैपिटल मार्केट शाखा की चीफ एक्जिक्यूटिव की जिम्मेदारी भी उठाई थी.

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गौरतलब है कि अरुंधति के नेतृत्व में ही स्टेट बैंक की 6 संबंधित बैंकों के साथ मर्जर प्रक्रिया को भी पूरा किया गया. इस सफल मर्जर के बाद अपने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने निकटतम प्रतिद्वंदी से लगभग तीन गुना बड़ा बैंक बनने में सफल हुआ था. वहीं अरुंधति के कार्यकाल के दौरान ही SBI ने सफलतापूर्वक डिजिटल ब्रांच और वॉलेट सर्विस बडी (Buddy) को भी लॉन्च किया था.

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