यूरोपियन यूनियन के सांसदों के बाद अब 15 से 20 देशों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द जम्मू और कश्मीर का दौरा कर सकता है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. प्रतिनिधिमंडल का घाटी दौरा कब होगा यह तय नहीं हुआ है, लेकिन इसकी तैयारी चल रही है. यह प्रतिनिधि मंडल कश्मीर के का दौरा करेगा और मौजूदा हालात की जानकारी लेगा.
कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद यूरोपियन यूनियन के 27 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल बीते साल अक्टूबर में कश्मीर का दौरा किया था. सांसद कश्मीर के हालात जानने के लिए वहां गए थे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस प्रतिनिधि मंडल में कुछ खाड़ी के देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं. अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है. बताया जा रहा है कि कुछ पी-5 देशों की ओर से अभी तक आने के बारे में सहमति नहीं मिली है. उनकी सहमति की प्रतीक्षा है. इन देशों में अमेरिका, यूके, फ्रांस और रूस शामिल हैं.
दावा किया जा रहा है कि उन्हें जम्मू भी ले जाएगा, जहां प्रतिनिधि मंडल जीसी मुर्मू से मुलाकात करेगा. यह मुलाकात प्रतिनिधि मंडल के दिल्ली लौटने से पहले ही होगी.
कश्मीर में अब सामान्य हुआ जनजीवन
दरअसल जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त से ही पाबंदियां लगाई गई हैं. केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 35 ए और 370 हटा दिया था. साथ ही जम्मू-कश्मीर का विभाजन कर लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दो अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था.
राज्य में शांति व्यवस्था बनी रहे इसलिए सरकार ने इंटरनेट, फोन और लैंडलाइन सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि अब परिस्थितियां धीरे-धीरे सामान्य हो रही हैं.
SMS और ब्रॉडबैंड सेवाएं चालू
जम्मू और कश्मीर के अधिकारियों ने कश्मीर घाटी में करीब 4 महीने बाद SMS सेवा बहाल कर दी है. साथ ही सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं भी बहाल हो गईं. कश्मीर घाटी में इंटरनेट सेवाएं 5 अगस्त 2019 को बाधित की गई थीं. तब जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A के प्रावधान हटाए गए थे.
गीता मोहन