Film Reveiw: 'हेट स्टोरी 3' मतलब 'प्यार, जिस्म और पैसा'

'हेट स्टोरी' फिल्मों की सीरीज में अभी तक दो फिल्में बन चुकी हैं, जिनमें इस फिल्म की दूसरी सीरीज फिल्म को विशाल पांड्या ने डायरेक्ट किया था और अब एक बार फिर से विशाल ने 'हेट स्टोरी' का तीसरा पार्ट भी डायरेक्ट किया है. आइए जानते हैं कैसी है फि‍ल्म 'हेट स्टोरी 3'.

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फि‍ल्म 'हेट स्टोरी 3' फि‍ल्म 'हेट स्टोरी 3'

पूजा बजाज / आर जे आलोक

  • मुंबई,
  • 04 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 4:38 PM IST

'हेट स्टोरी' फिल्मों की सीरीज में अभी तक दो फिल्में बन चुकी हैं, जिनमें इस फिल्म की दूसरी सीरीज फिल्म को विशाल पांड्या ने डायरेक्ट किया था और अब एक बार फिर से विशाल ने 'हेट स्टोरी' का तीसरा पार्ट भी डायरेक्ट किया है. विशाल पांड्या की यह थ्रिलर, ड्रामा और इरॉटिक फिल्म 'हेट स्टोरी 3' क्या दर्शकों को अपनी और खींच पाएगी? आइए जानते हैं:

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कहानी
यह कहानी आदित्य दीवान (शरमन जोशी) और सिया दीवान (जरीन खान) की है, जो आदित्य के बड़े भाई विक्रम(प्रियांशु चटर्जी) की मौत के बाद परिवार का पूरा बिजनेस संभालते हैं. फिर अचानक से बिजनेसमैन सौरव सिंघानिया (करण सिंह ग्रोवर ) की एंट्री होती है जो आदित्य और सिया की प्रॉपर्टी के लिए अलग-अलग तरह के ऑफर्स देने लगता है. लेकिन इन ऑफर्स के पीछे सौरव की सोच क्या है, इसका पता आदित्य और सिया को नहीं चल पाता. फिर कहानी में अलग-अलग तरह के मोड़ आते हैं और आदित्य की सेक्रेटरी काव्या (डेजी शाह) की मौजूदगी से फिल्म में रोमांच भर जाता है, अब क्या सौरव अपने मंसूबों में कामयाब हो पाता है या आदित्य और सिया को उसकी सच्चाई का पता चल जाता है? इसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.

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स्क्रिप्ट
विक्रम भट्ट ने माधुरी बैनर्जी के साथ बैठकर एक बार फिर से रिश्तों का ताना बाना बुना है जहां आपको कहानी के साथ-साथ कामुकता भी परोसी गई है. फिल्म में दो पुरुषों के अहम और जिद की जंग को बखूबी बयां किया गया है. फिल्म के संवाद भी किरदार के साथ तर्कसंगत नजर आते हैं. कहानी की सबसे बड़ी खूबी है कि ये आपको बांध के रखती है, हर मोड़ पर नए सस्पेंस आपको रोमांचित करते हैं. अगले पल क्या होने वाला है, यह सोचना काफी दिलचस्प रहता है. कहानी अब्बास मस्तान की फिल्मों की भी याद दिलाती है. फिल्म का स्क्रीनप्ले भी दुरुस्त है. गाने थोड़े कम होते तो फिल्म की गति बेहतर होती.

अभिनय
अभिनय के मामले में शरमन जोशी, करण सिंह ग्रोवर, जरीन खान और डेजी शाह ने अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलकर काम किया है जो काफी सराहनीय है, वाद-विवाद के सीन हों या फिर बोल्ड शॉट्स, एक्टर्स ने अच्छा काम किया है.

संगीत
फिल्म का संगीत रिलीज से पहले ही हिट हुआ है इसमें कोई दो राय नहीं. खास तौर पर 'तुम्हे अपना बनाने की' और 'वजह तुम हो' जैसे गाने दर्शकों की जुंवा पर पर चढ़े हुए हैं. फिल्म में इन गानों को विशाल पांड्या ने अच्छे से कैश भी किया है.

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कमजोर कड़ी
फिल्म की कमजोर कड़ी कई सारे ट्विस्ट और टर्न्स है जो वास्तविकता से परें हैं. थोड़ा कम ड्रामा, फिल्म को और मजबूत बना सकता था.

क्यों देखें
अगर आप एडल्ट हैं और रिवेंज-ड्रामा-थ्रिलर फिल्में आपकी पसंद हैं, हैं तो यह फिल्म आप देख सकते हैं.

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