फारूक अब्दुल्ला बोले- अमरनाथ यात्रा पर हमला करने वाले न कश्मीरी, न मुसलमान

सोमवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने आजतक से खास बातचीत करते हुए हमलावरों की कड़े शब्दों में निंदा की है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि यात्रियों पर हमला करने वाले कश्मीरी हो ही नहीं सकते क्योंकि कश्मीरी हमेशा अमरनाथ यात्रा के शुभचिंतक रहे हैं और वो अपनी पीठ पर यात्रियों के सामान ढोते है.

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फारूक अब्दुल्ला फारूक अब्दुल्ला

अशरफ वानी

  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हमले को बड़ी त्रासदी बताते हुए कड़े शब्दों में इसकी निंदा की है. फारूक के मुताबिक ये उन ताकतों का काम है जो देश में साम्प्रदायिक गड़बड़ी फैलाना चाहते हैं.

 बता दें कि फारूक अब्दुल्ला अलगाववादियों और पत्थरबाजों के समर्थन में बयान देने की वजह से अक्सर आलोचनाओं के घेरे में आते रहे हैं. लेकिन अमरनाथ यात्रियों पर हमले के दोषियों की भर्त्सना करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी.

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इंडिया टुडे से खास बातचीत में फारूक ने कहा कहा कि ये बड़ी त्रासदियों में से एक है. हम साम्प्रदायिक नहीं हैं. जिन्होंने ये (हमला) किया है उनका मंसूबा देश में साम्प्रदायिक गड़बड़ी फैलाने का है. हम शांतिप्रिय लोग हैं. हम तरक्की चाहते हैं. इस हमले के पीछे जो ताकतें हैं वो तरक्की को रोकना चाहती हैं.

फारूक ने उन परिवारों के लिए सहानुभूति जताई जिन्होंने इस हमले में अपने प्रियजनों को खोया. फारूक ने अस्पताल में भर्ती घायलों के भी शीघ्र स्वस्थ होने के लिए दुआ की.

फारूक ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि देश से बड़ी संख्या में लोग राज्य में आएंगे. जिससे उन लोगों को संदेश मिल सके जो गड़बड़ी फैलाना चाहते हैं. लोग बताएं कि हम डरते नहीं, हम राज्य में आ सकते हैं. यही हम चाहते हैं कि वो आएं. हम हमेशा उनका स्वागत करते हैं. आगे भी करते रहेंगे. खुले दिल और शुभकामनाओं के साथ.

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फारूक से जब पूछा गया कि वो खुद भी मुश्किल हालात के दौरान जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं लेकिन तब भी अमरनाथ यात्रा को तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित माना जाता था, तो उन्होंने कहा,  अमरनाथ यात्रा पर कभी हमला नहीं हुआ. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. सब इंतजाम किए गए थे. 20 हजार सुरक्षाकर्मी ज्यादा रखे गए थे. फिर भी ये (हमला) हुआ. दिल्ली की सरकार को अपने अंदर झांकना चाहिए कि कहां उनकी नाकामी रही. कोशिश करें और देखें कि दोबारा कभी ये नाकामी सामने ना आए.

ये हमला क्या राज्य में स्थिति खराब होने का सूचक है, इस सवाल के जवाब में फारूक ने कहा, मैं समझता हूं सबसे अहम है कि देश के लोग राज्य के लोगों से प्यार करना शुरू करें. जितना वो हमसे प्यार करेंगे उससे ज्यादा उन्हें वापस मिलेगा. ऐसा करने से ही उन ताकतों को, जो ऐसे हमले के पीछे हैं, करारी हार मिलेगी. 

 

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