ओवैसी के तंज पर EU सांसदों का जवाब, कहा- हम नाजीवादी नहीं, होते तो...

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस दौरे पर EU सांसदों को निशाने पर लिया था, अब इन सांसदों ने इन्हें जवाब दिया है. EU सांसदों का कहना है कि हम नाज़ी लवर्स नहीं हैं, अगर होते तो कभी चुने नहीं जाते.

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असदुद्दीन ओवैसी ने EU सांसदों पर साधा था निशाना असदुद्दीन ओवैसी ने EU सांसदों पर साधा था निशाना

शुजा उल हक

  • श्रीनगर,
  • 30 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 12:04 PM IST

  • जम्मू-कश्मीर दौरे पर EU सांसदों की प्रेस कॉन्फ्रेंस
  • असदुद्दीन ओवैसी को EU सांसदों ने दिया जवाब
  • ‘हम नाजीवादी नहीं, होते तो यहां नहीं आते’

अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहले विदेशी दल के तौर पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे यूरोपीय संसद के 23 सांसदों ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने अपने अनुभवों पर बात की और भारत में इस दौरे को लेकर मचे राजनीतिक तूफान पर जवाब भी दिया. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस दौरे पर EU सांसदों को निशाने पर लिया था, अब इन सांसदों ने इन्हें जवाब दिया है. EU सांसदों का कहना है कि हम नाज़ी लवर्स नहीं हैं, अगर होते तो कभी चुने नहीं जाते.

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असदुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा था?

EU सांसदों के जम्मू-कश्मीर आने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने करारा हमला बोला था. ओवैसी ने ट्वीट किया था कि घाटी जाने के लिए शानदार सांसदों का चुनाव किया गया है, जो इस्लामोफोबिया या नाज़ी लवर्स से पीड़ित हैं. मुस्लिम बहुल इलाके में इन्हें भेजा जा रहा.

इसके साथ ही ओवैसी ने शायराना अंदाज में वार भी किया था. जिसमें लिखा था, ‘गैरों पर करम, अपनों पर सितम, ऐ जान ए वफा ये जुल्म ना कर, रहने दे अभी थोड़ा सा धर्म’

ओवैसी का ट्वीट...

अब EU सांसदों ने क्या दिया जवाब?

असदुद्दीन ओवैसी के इस कमेंट पर जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल पूछा गया तो यूरोपीय सांसद भड़क गए. उन्होंने कहा कि हम यहां पर राजनीति करने नहीं आए हैं, तथ्य देखने आए हैं. और ना ही हम नाजीवादी हैं, अगर होते तो कभी चुने नहीं जाते. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल होने पर वह काफी खफा भी हैं.

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और EU सांसदों ने क्या कहा...

अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में EU सांसदों ने अपने अनुभव को साझा किया. सांसदों के अनुसार, कश्मीर के लोगों को अभी काफी उम्मीदें हैं. भारत और पाकिस्तान को शांति के लिए आपस में बातचीत करना चाहिए ताकि मसला सुलझ सके. अनुच्छेद 370 के मसले को यूरोपीय सांसदों ने भारत का अंदरूनी मामला बताया.

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