पूरे सरकारी समारोह के साथ दिल्ली में BRT तोड़ने का काम शुरू, हटाने में खर्च होंगे 12 करोड़

सिसोदिया ने कहा, 'यह देश की पहली सड़क होगी, जिसके टूटने पर लोग खुश हैं. सिर्फ आम लोग ही नहीं, विधायक भी चाहते हैं कि इसे तोड़ा जाए. इस प्रोजेक्टर को बिना सोचे-समझे बनाया था.'

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180 करोड़ की लागत से बना था बीआरटी 180 करोड़ की लागत से बना था बीआरटी

रोहित गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST

साउथ दिल्ली में मूलचंद से अंबेडकर नगर तक के 5.8 किलोमीटर लंबे बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) कॉरिडोर को तोड़ने का काम मंगलवार से शुरू हो गया. दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इसकी शुरुआत पर कहा कि इस कॉरिडोर को तोड़ने का काम रात को ही होगा, ताकि ट्रैफिक में कोई बाधा न हो.

'प्रोजेक्ट को कॉपी-पेस्ट किया गया'
सिसोदिया ने कहा, 'यह देश की पहली सड़क होगी, जिसके टूटने पर लोग खुश हैं. सिर्फ आम लोग ही नहीं, विधायक भी चाहते हैं कि इसे तोड़ा जाए. इस प्रोजेक्टर को बिना सोचे-समझे बनाया था.' सिसोदिया ने कहा कि नेता विदेश गए और वहां से देखकर इस प्रोजेक्ट को कॉपी-पेस्ट कर दिया, जो सबसे खतरनाक है. नकल के लिए भी अक्ल की जरूरत होती है. इस कॉरिडोर को दिल्ली के हिसाब से नहीं बनाया गया.

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बस लेन में कार पार्क करने पर 2 हजार का चालान
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बस लेन को फॉलो किया जाएगा और बस की लेन में काम पार्क करने पर 2 हजार रुपये का चालान होगा. चालान के अलावा गलती करने वाले को उस क्रेन का खर्च भी अदा करना होगा, जो कार उठाकर ले जाएगी. इस नियम को एक हफ्ते में लागू कर दिया जाएगा.'

'हमें काम करने दीजिए मोदी जी'
सिसोदिया प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधना भी नहीं भूले. उन्होंने कहा, 'मोदी जी आपको जो करना है करते रहिए. पाकिस्तान से लड़ना है तो लड़‍िए, लेकिन दिल्ली सरकार को अपना काम करने दीजिए. उन्होंने इस साल 1 हजार मोहल्ला क्लिनिक और 150 पॉली क्लिनिक खोलने का भी ऐलान किया.

180 करोड़ में बना था, हटाने पर खर्च होंगे 12 करोड़
बीआरटी का निर्माण शीला दीक्षित सरकार ने 2008 में करीब 180 करोड़ रुपये खर्च करके बनवाया था, जिसे फरवरी तक पूरी तरह हटा दिया जाएगा. इसे हटाने पर 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे. दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, 'दूसरे चरण में सरकार स्थानीय लोगों से बातचीत करेगी ताकि सड़कों का फिर से डिजाइन तैयार करने के लिए व्यापक योजना बनाई जा सके. सरकार ने सड़कों के डिजाइन के लिए एक सलाहकार की नियुक्ति की है.

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