आम आदमी पार्टी सरकार ने दक्षिण दिल्ली में करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए विवादास्पद बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) कॉरिडोर को खत्म करने का फैसला किया है. मंगलवार को केजरीवाल कैबिनेट ने इसपर मुहर लगाई. जल्द परिवहन विभाग को इसपर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया जाएगा.
लोगों की मांग पर खत्म होगा बीआरटी कॉरिडोर
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'जनता की मांग पर और दुर्घटनाओं को देखते हुए बीआरटी कॉरिडोर को हटाया
जाएगा. कैबिनेट ने इसे बंद करने की अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.'
दिल्ली में फेल रहा बीआरटी मॉडल: सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने कहा, 'दुनियाभर में बीआरटी के सफल मॉडल हैं लेकिन दिल्ली का बीआरटी मॉडल फेल रहा.' उन्होंने
कहा, 'हालांकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करने के लिए बीआरटी जरूरी है.' सिसोदिया ने इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं
कहा कि उनकी सरकार सफल विदेशी मॉडलों को अपनाएगी या नहीं.
बीजेपी के विजन डॉक्यूमेंट में भी था ये प्लान
मौजूदा बीआरटी कॉरिडोर साल 2008 में बना था. अंबेडकर नगर से दिल्ली गेट तक 14.5 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर की
काफी आलोचना हुई लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने परियोजना का बचाव किया था. बीजेपी ने भी इसे खत्म
करने की मांग की थी और इस साल दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने विजन डॉक्यूमेंट में बीआरटी को हटाने
का वादा किया था.
भाषा से इनपुट
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