शिवसेना का मोदी पर हमला, नोटबंदी ने 'ईश्वर' को भिखारी बना दिया

सामना में किसान की बदहाली से लेकर आम आदमी और व्यापारियों के बहाने शिवसेना ने नरेंद्र मोदी सरकार पर करारा हमला किया है. लेख में आगे कहा गया है कि नोटबंदी से देश के व्यापारियों की कमर टूट गई है. व्यापारियों के पास कैश नहीं है, वो चिल्लर से काम चला रहे हैं.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे

कुबूल अहमद / विद्या

  • मुबंई,
  • 21 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:26 AM IST

मोदी सरकार पर शिवसेना के हमले का क्रम जारी है. मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने आज नरेंद्र मोदी पर करारा हमला किया है. 8 नवबंर को नोटबंदी के एक साल पूरे हुए हैं. लेख में कहा गया है कि जनता ईश्वर है, लेकिन नोटबंदी के चलते ईश्वर को भी भिखारी बनकर रहना पड़ रहा है. नोटबंदी से देश की हालत चिंताजनक है. व्यापारियों के पास कैश नहीं है, उन्हें चिल्लर से काम चलाना पड़ रहा है.

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शिवसेना ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस को भी निशाने पर लिया है. संपादकीय के मुताबिक देश किन हालतों से गुजर रहा है इसकी परवाह नहीं है, लेकिन करोड़ों रुपये खर्च करके विज्ञापनबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है.

महाराष्ट्र की सरकार में साझीदार शिवसेना ने मोदी सरकार की तुलना ब्रिटिश हुकूमत से की है और कहा है कि ब्रिटिश व्यापारी के रूप में और देश में 'तोड़ो, फोड़ो और राज करो' नीति के तहत 150 साल तक देश में बने रहे. व्यापारियों पर कभी भी ईश्वरीय वरदान नहीं होता, उसके जरिए लूट ही होती है. आज भी जिन्हें ईश्वरीय वरदान लगती है, वह ईश्वरों का अपमान करना रोकें. ईश्वर भिखारी हो गया है!

सामना में किसान की बदहाली से लेकर आम आदमी और व्यापारियों के बहाने शिवसेना ने नरेंद्र मोदी सरकार पर करारा हमला किया है. लेख में आगे कहा गया है कि नोटबंदी से देश के व्यापारियों की कमर टूट गई है. व्यापारियों के पास कैश नहीं है, वो चिल्लर से काम चला रहे हैं.

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लेख कहता है कि ब्रिटिश राज को ईश्वर का वरदान कहा जाता था. उसी तर्ज पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के राज को भी ईश्वर का वरदान बताने वालों का उदय हुआ है. अच्छी बरसात हो जाए तो मोदी सरकार के कारण हुई, ऐसा बताने की कोशिश की जा रही है, लेकिन विदर्भ के किसान सकंट से गुजर रहे हैं. ये संकट भी मोदी और फडणवीस सरकार का वरदान है. इसे मानने को वो तैयार नहीं है.

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