जी-20 का अब एक ही मकसद- IS का खात्मा, PM मोदी ने क्लाइमेट चेंज पर भी दिए 7 मंत्र

जी-20 सम्मेलन में पेरिस में हुए आतंकी हमले का साया रहा. क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) और आतंकवाद सम्मेलन के मुख्य एजेंडे में शामिल थे.

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आतंक के खिलाफ एक हुए ओबामा और मोदी आतंक के खिलाफ एक हुए ओबामा और मोदी

विकास वशिष्ठ

  • अंताल्या (तुर्की),
  • 15 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST

जी-20 सम्मेलन में पेरिस में हुए आतंकी हमले का साया रहा. क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) और आतंकवाद सम्मेलन के मुख्य एजेंडे में शामिल थे. क्लाइमेट चेंज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत का एजेंडा रखा. मोदी ने दुनिया को बताया कि क्लाइमेट चेंज से निपटने के लिए जी-20 देश क्या कुछ कर सकते हैं.

ये हैं PM मोदी के 7 सूत्र
1. रीन्यूएबल एनर्जी यानी सौर और पवन ऊर्जा जैसे संसाधनों पर रिसर्च और डवलपमेंट बढ़ाया जाए.
2. क्लीन एनर्जी के वैश्विक लक्ष्य को हासिल करने के लिए पैसा और टेक्नोलॉजी उपलब्ध हों.
3. हम सभी देशों को 2020 तक 100 अरब डॉलर सालाना का लक्ष्य हासिल करना चाहिए.
4. जी-20 देशों को शहरों में यातायात के सार्वजनिक साधन 2030 तक 30% बढ़ाने चाहिए.
5. हमें अपना लक्ष्य अब कार्बन क्रेडिट से ग्रीन क्रेडिट से की ओर ले जाना चाहिए.
6. फॉसिल फ्यूल का इस्तेमाल तो कम करना ही है, अपनी जीवनशैली भी बदलनी है.
7. प्रकृति से प्यार मेरे प्रस्ताव का मकसद है. इसीलिए कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज (COP-21) शुरू किया.

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और ये 5 लक्ष्य भी रखे
1. 2022 तक 175 गीगावाट रीन्यूएबल एनर्जी की अतिरिक्त क्षमता विकसित करनी है.
2. कोयले पर टैक्स और फॉसिल फ्यूल पर मिलने वाली सब्सिडी को कम करना है.
3. क्लीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए 3 अरब डॉलर का नेशनल क्लीन एनर्जी फंड.
4. क्लाइमेट चेंज पर अपने INDC कार्यक्रम की बदौलत दुनिया से कदमताल करना.
5. क्लाइमेट चेंज पर यूएन समझौते के तहत पेरिस में हुई बात से ठोस नतीजे निकालना.


आतंकवाद से लड़ने का संकल्प
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद से लड़ने के लिए एकजुट वैश्विक प्रयासों का आह्वान किया, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस्लामिक स्टेट के नेटवर्क को नेस्तानाबूद करने के प्रयास दोगुने करने का संकल्प लिया. समावेशी आर्थिक विकास और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा हुई. यूएन महासचिव बान की-मून ने कहा है कि वह जल्द ही संयुक्त राष्ट्र महासभा को आतंकवाद से निपटने के लिए व्यापक योजना सौंपेंगे.

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आगे क्या
अब सोमवार को दो दिवसीय सम्मेलन के समापन में एक प्रस्ताव पारित किया जा सकता है. इसमें आतंकवाद के लिए मददगार हालात के खिलाफ अधिक व्यापक रुख अपनाने और इसकी आर्थिक सहायता की कड़ी को खत्म करने पर जोर दिया जा सकता है. घोषणा में ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’ को तेजी से लागू करने की बात हो सकती है.

वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए यह सुझाव
जी-20 के नए अध्यक्ष तुर्की ने हिचकोले खा रही वैश्विक अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए समग्रता, अमल और निवेश का फार्मूला सुझाया है. बीते साल ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में जी-20 देशों ने तय किया था कि 2018 तक सदस्य देश अपनी जीडीपी को कम से कम दो फीसदी और बढ़ाएंगे. निवेश, व्यापार, प्रतिस्पर्धा और रोजगार को बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी थी.

जी-20 का यह फोकस
पीएम मोदी ने कहा कि इस साल जी-20 का फोकस महिलाओं और युवाओं को रोजगार मुहैया कराने पर है. आर्थिक तरक्की के लिए कौशल विकास जरूरी है. ग्रोथ के लिए हमें मौद्रिक नीति के बजाय पब्लिक इन्वेस्टमेंट बढ़ाने की जरूरत है.

मोदी बोले- सपोर्ट सिस्टम बने
मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जी-20 देशों को ऊंची विकास दर वाले राष्ट्रों का एक सपोर्ट सिस्टम बनाना चाहिए. इसके साथ ही हमें ढांचागत विकास पर अपना फोकस जारी रखना चाहिए.

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ब्रिक्स बैठक में भी आतंक ही मुद्दा
जी-20 सम्मेलन से पहले मोदी ने BRICS देशों की बैठक में हिस्सा लिया. यहां भी आतंकवाद का मुद्दा उठाया . उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खि‍लाफ पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा. यह मुद्दा शुरू से ब्रिक्स की प्राथमिकता में रहा है. मोदी ने इससे पहले शनिवार को कहा था कि पेरिस में हुआ हमला सिर्फ फ्रांस के लोगों पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला है.

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