ऑड इवन: टू-व्हीलर्स-महिलाओं को नहीं मिलेगी राहत, NGT ने ठुकराई मांग

एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि बच्चों को संक्रमित फेफड़े गिफ्ट मत कीजिये, स्कूल जाते वक़्त उन्हें मास्क की ज़रूरत पड़ती है.

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दिल्ली में धुंध (फाइल) दिल्ली में धुंध (फाइल)

मोहित ग्रोवर / पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST

प्रदूषण को लेकर एनजीटी ने एक बार फिर दिल्ली सरकार की जमकर फटकार लगाई है. मंगलवार को एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपके हिसाब से हेल्थ इमरजेंसी क्या है. NGT ने कहा है कि जब भी PM 10 और PM 2.5 के बढ़ने के बाद आपको क्या करना चाहिए, जो लेवल हो गया है उसमें आपको 48 घंटे में इसे खुद लागू कर देना चाहिए. एनजीटी के आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए.

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NGT ने अपने 11 नवंबर वाले आदेश को बदलने से मना कर दिया है. जिसमें उन्होंने टू-व्हीलर्स और महिलाओं को ऑड इवन पर छूट ना देने की बात कही थी.

एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि बच्चों को संक्रमित फेफड़े गिफ्ट मत कीजिये, स्कूल जाते वक़्त उन्हें मास्क की ज़रूरत पड़ती है. और आप लोग एक राज्य दूसरे राज्य पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगा रहा है. ऐसी सूरत में हालात सुधरने की उम्मीद हम कैसे करें.

टू-व्हीलर्स और महिलाओं को छूट क्यों?

सुनवाई के दौरान एनजीटी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल के दौरान हमारे कई आदेशों के बावजूद आपने कुछ नहीं किया. आपने अभी तक कोई कोई कदम नहीं उठाया, और अब आप टू व्हीकल्स को ऑड-इवन से बाहर रखना चाहते हैं. जब हम सबको पता है कि टू व्हीकल्स से प्रदूषण हो रहा है तो फिर उन्हें ऑड-इवन से अलग क्यों रखा जाए.

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आर्थिक आधार पर प्रदूषण को लेकर किसी को भी रियायत नहीं दी जा सकती है. आप टू व्हीकल्स के लिए ये रियायत किस आधार पर माँग रहे हो और ये क्यों दी जाए. NGT ने पूछा कि आपने पिछली बार कहा था कि आप 4 हजार नई बसें ला रहे हो, आपने उस पर भी कुछ नहीं किया. 

मैराथन टालने की अपील

राजधानी दिल्ली में धुंध को लेकर लगातार बहस जारी है. इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने राजधानी में आयोजित होनी वाली हाफ मैराथन की तारीख को आगे बढ़ाने की अपील की है. इस मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी, दिल्ली पुलिस और मैराथन के आयोजकों से जवाब मांगा है.

दोबारा डाली थी याचिका

दिल्ली सरकार ने ऑड इवन को लेकर 11 नवंबर के आदेश को पुनर्विचार के लिए याचिका डाली है. इसमें ऑड इवन से महिलाओं और टू-व्हीलर्स को छूट देने को कहा गया है. चूंकि अगर टू-व्हीलर्स को भी इस दायरे में लाया जाएगा, तो 30-35 लाख लोगों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने के लिए 3500 अतिरिक्त बसों की जरूरत है.

याचिका में कहा गया है कि महिलाओं की सुरक्षा को ताक पर नहीं रखा जा सकता है, उनको ऑड इवन में शामिल ना किया जाए. दिल्ली सरकार ने कहा है कि फिलहाल 3 महीने प्रदूषण बढ़ा हुआ ही रहेगा, अगले 6 महीनों में नई बसों की व्यवस्था कर ली जाएगी.

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गौरतलब है कि एनजीटी की फटकार और कुछ शर्तों के बाद दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर को लागू होने वाले ऑड इवन के आदेश को रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट भी सोमवार को केंद्र सरकार, दिल्ली-यूपी-हरियाणा-पंजाब सरकार को प्रदूषण को लेकर नोटिस जारी कर चुके हैं.

कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने भी मंगलवार को फेसबुक पोस्ट कर दिल्ली में प्रदूषण के सवाल को खड़ा किया. उन्होंने लिखा है कि अगर आपको सांस लेने में दिक्कत है, आंखों में दिक्कत हो रही है और व्याकुलता हो रही है तो समझिए आप दिल्ली में हैं.

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