13 जुलाई तक DU 2.5 लाख छात्रों के एग्जाम-रिजल्ट का ब्यौरा दे: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से फाइनल ईयर के ढाई लाख छात्रों की परीक्षा और रिजल्ट का 13 जुलाई तक पूरा ब्यौरा मांगा है. बता दें कि डीयू द्वारा ऑनलाइन परीक्षा के फैसले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. पढ़ें डिटेल.

Advertisement
दिल्ली हाईकोर्ट ने डीयू से मांगा पूरा ब्यौरा दिल्ली हाईकोर्ट ने डीयू से मांगा पूरा ब्यौरा

पूनम शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) ने 10 जुलाई को होने वाली ऑनलाइन परीक्षाओं को फिलहाल रद्द कर दिया है. अब परीक्षाएं दोबारा कब तक होंगी और ऑनलाइन या ऑफलाइन किस माध्यम से कराई जाएंगी, परीक्षाओं के नतीजे कब तक आएंगे, अभी तक दिल्ली यूनिवर्सिटी इस पर कोई योजना नहीं बना पाई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने DU को आदेश दिया है कि 13 जुलाई तक यूनिवर्सिटी परीक्षाओं से जुड़ी सभी जानकारी कोर्ट में दाखिल करें. 14 जुलाई को हाई कोर्ट दोबारा इस मामले की सुनवाई करेगा_

Advertisement

बता दें कि हाईकोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें छात्रों ने 10 जुलाई को होने वाली ऑनलाइन परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की थी. इसकी वजह ये है कि यूनिवर्सिटी की तरफ से यह फैसला आनन-फानन में लिया गया था. छात्रों की इस को लेकर कोई तैयारी नहीं थी. इसीलिए दिल्ली हाईकोर्ट में 10 जुलाई की परीक्षाओं को चुनौती देने के लिए तकरीबन आधा दर्जन याचिकाएं लगाई गईं.

कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी अगर 10 जुलाई को होने वाली परीक्षाओं के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थी तो फिर इसकी घोषणा आनन-फानन में क्यों की गई? हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को फटकार लगाते हुए कहा कि 10 जुलाई को होने वाली परीक्षाओं से पहले ही मॉक टेस्ट में ही पोर्टल में तमाम दिक्कते दिखाई दी.

Advertisement

यह भी पढ़ें- DU: मॉक टेस्ट में तीसरे दिन भी श‍िकायतें, ओपन बुक एग्जाम का विरोध तेज

इस मामले में यूजीसी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को साफ कर दिया कि सभी यूनिवर्सिटी को परीक्षाएं कराने के लिए यूजीसी की तरफ से 3 महीने का विंडो दिया गया है. (जुलाई से सितम्बर तक परीक्षाओं को संपन्न कराने के लिए सभी यूनिवर्सिटीज को यूजीसी की तरफ से दिशानिर्देश दिया गया है).

देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें

तुषार मेहता ने यह भी साफ कर दिया कि परीक्षाएं किस मोड में कराई जाएं, इसको लेकर यूनिवर्सिटी को यूजीसी के साथ परामर्श की भी जरूरत नहीं है. यूनिवर्सिटी परीक्षाओं को कराने के लिए अपनी कार्ययोजना बना सकती है. बस यूजीसी की तरफ से दिए गए टाइम फ्रेम को फॉलो करने की जरूरत है.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कहा है कि इस मामले में उन्हें खुद अपने छात्रों के भविष्य की फिक्र होनी चाहिए. अगर परीक्षाएं समय पर नहीं हो पाई और उसके बाद नतीजे आने में देरी हुई तो छात्रों का पूरा 1 साल बर्बाद हो सकता है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के तकरीबन ढाई लाख छात्र इस वक्त फाइनल ईयर के एग्जाम देने के लिए तैयार हैं.

Advertisement

अगर इन छात्रों को सितंबर तक मार्कशीट नहीं मिली तो आगे की यूनिवर्सिटी में खासतौर से विदेशी यूनिवर्सिटीज में इन छात्रों को एडमिशन नहीं मिल पाएगा. दूसरा अभी परीक्षा की तारीख तय नहीं होने के चलते पैदा हुई अनिश्चितता और 10 जुलाई की परीक्षाएं रद्द होने के बाद से छात्रों को मानसिक तनाव का सामना भी करना पड़ रहा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement