बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुलाई बैठक, दिल्ली की हार पर होगी चर्चा

Delhi Assembly Election Results 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार हुई है. बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महासचिवों की बैठक बुलाई है.

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Delhi Assembly Election Results 2020: बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा (तस्वीर-PTI) Delhi Assembly Election Results 2020: बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा (तस्वीर-PTI)

aajtak.in

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  • 11 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:16 PM IST

  • दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार
  • 8 सीटों पर सिमटी बीजेपी, 62 पर AAP की जीत

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की करारी हार हुई है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर केंद्रीय मंत्रियों की पूरी फौज चुनावी समर में उतर गई थी, लेकिन जीत महज 8 सीटों पर मिली. पार्टी की करारी हार के बाद अब बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हार की समीक्षा के लिए बुधवार शाम 5 बजे महासचिवों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे. बीजेपी के दोनों दिग्गज नेता पार्टी की हार की समीक्षा करेंगे.

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी हार हुई है. लगभग 21 दिनों तक चले आक्रामक प्रचार के बावजूद दिल्ली में बीजेपी की नैया डूब गई. बीजेपी ने चुनाव के दौरान पार्टी के सभी दिग्गज नेताओं को उतार दिया था. केंद्रीय मंत्री दिल्ली में पद यात्रा कर रहे थे. खुद गृह मंत्री अमित शाह भी दिल्ली की गलियों में कई रैलियां की फिर भी पार्टी के नेता हार गए. बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान अनुच्छेद 370, नागरिकता कानून, राम मंदिर जैसे मुद्दों का जिक्र किया लेकिन पार्टी को हार मिली.

चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी हार स्वीकार कर ली. जेपी नड्डा ने कहा कि बीजेपी इस जनादेश को स्वीकारते हुए रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी और प्रदेश के विकास से जुड़े हर मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी.

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8 सीटों पर सिमटी बीजेपी

दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरन शाहीनबाग का मुद्दा भी छाया रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य छोटे से लेकर बड़े नेता हर रैली और सभाओं में शाहीनबाग का मुद्दा उछालते रहे. सभाओं में ये नेता जनता के बीच सवाल उछालते रहे कि आप शाहीनबाग के साथ हैं या खिलाफ?

इसके अलावा शरजील इमाम के असम वाले बयान, जेएनयू, जामिया हिंसा को भी बीजेपी ने मुद्दा बनाकर बहुसंख्यक मतदाताओं को साधने की कोशिश की. छोटे से केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के लिए बीजेपी ने जितनी ताकत झोंकी थी उतनी बड़े-बड़े राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने मेहनत नहीं की थी. लगभग 45 सौ सभाओं का आयोजन किया था लेकिन पार्टी को महज 8 सीटें मिलीं.

फ्री बिजली-पानी का मुद्दा पड़ा भारी

दरअसल बीजेपी केजरीवाल ने जिस तरह से दो सौ यूनिट बिजली, महीने में 20 हजार लीटर पानी मुफ्त कर दिया, उससे आम जन और गरीब परिवारों की जेब पर भार कम हुआ. इसका असर चुनाव में भी दिखा. एक अगस्त को योजना की घोषणा होने के बाद दिल्ली में कुल 52 लाख 27 हजार 857 घरेलू बिजली कनेक्शन में से 14,64,270 परिवारों का बिजली बिल शून्य आया. इसकी वजह से भी AAP को जीत मिली.

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आम आदमी पार्टी ने महिलाओं पर भी फोकस किया, और इसके जवाब में बीजेपी ने कुछ नहीं किया. केजरीवाल सरकार ने बसों में 30 अक्टूबर को भैयादूज के दिन से मुफ्त सफर की महिलाओं को सौगात दी. एक आंकड़े के मुताबिक, प्रतिदिन करीब 13 से 14 लाख महिलाएं दिल्ली में बसों में सफर करती हैं.

पार्टी बैठक में होगी हार की समीक्षा

अब  इस करारी हार के बाद बीजेपी दिल्ली में समीक्षा करेगी. माना जा रहा है कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व हार पर कुछ बड़ा फैसला ले सकता है. दिल्ली चुनाव में जोर शोर के प्रचार के बाद केवल 8 सीटों पर सिमट जाना बीजेपी की चिंता बढ़ाने वाली है.

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