डेंगू समस्या पर विशेष सत्र बुला सकती है दिल्ली सरकार, नए कानून पर भी विचार

डेंगू की समस्या को देखते हुए दिल्ली कैबिनेट विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर विचार कर रही है. सरकार ने डेंगू के मरीजों को भर्ती नहीं करने की खबरों के बीच शहर के सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के प्रबंधकों को समन भेजा है.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2015,
  • अपडेटेड 9:45 AM IST

डेंगू की समस्या को देखते हुए दिल्ली कैबिनेट विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर विचार कर रही है. सरकार ने डेंगू के मरीजों को भर्ती नहीं करने की खबरों के बीच शहर के सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम के प्रबंधकों को समन भेजा है.

सत्येंद्र जैन करेंगे अस्पताल प्रबंधकों के साथ मीटिंग
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन उनके साथ मंगलवार की शाम को बैठक करेंगे. दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'डेंगू के मरीजों को भर्ती नहीं करने की खबरों को ध्यान में रखते हुए जैन ने दिल्ली के सभी निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम के प्रबंधकों को एक बैठक के लिए बुलाया है. इस बैठक में निजी अस्पताल और नर्सिंग होम के प्रबंधकों को कड़ा आदेश दिया जाएगा कि वह डेंगू के एक भी संदिग्ध मरीज को भर्ती करने से मना नहीं करें.'

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डेंगू पीड़ित बच्चे की मौत के बाद सरकार का कड़ा रुख
यह समन सरकार ने एक और लड़के की डेंगू से मौत होने के संदर्भ में भेजा है. उसके परिवार ने अस्पताल पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है. आठ सितंबर को एक सात साल का बच्चा अविनाश राउत इस बीमारी से मर गया था. उसे कथित तौर पर पांच अस्पतालों ने भर्ती करने से मना कर दिया था. उसकी मौत के बाद उसके माता पिता ने इस बात से क्षुब्ध होकर आत्महत्या कर ली थी.

सीएम केजरीवाल लाएंगे नया कानून
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी सरकार एक ऐसा कानून लाने पर विचार कर रही है जिसके तहत अपने यहां मरीजों को दाखिल करने से इंकार करने वाले निजी अस्पतालों को दंडित किया जा सके. केजरीवाल ने कहा, ‘हम एक कानून लेकर आने की योजना बना रहे हैं ताकि गंभीर हालत वाले मरीजों के उपचार से इंकार करने वाले अस्पतालों को दंडित किया जा सके. अगले कुछ दिनों में हम कानून लाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएंगे.’ मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘उपचार करने से इंकार करने वाले अस्पतालों को नहीं बख्शा जाएगा.’ उन्होंने कहा कि सरकार आपात स्थिति के दौरान कुछ समय के लिए निजी अस्पतालों को अपने नियंत्रण में लेने के विचार पर गौर कर रही है.

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