एहल्कॉन के आरोपी टीचरों की सफाई- कभी नहीं किया बच्ची का शोषण

दिल्ली के एहल्कॉन पब्लिक स्कूल के दोनों आरोपी शिक्षकों ने सामने आकर अपनी सफाई पेश की है. वे दोनों उन पर लगे आरोपों को सिरे से नकार रहे हैं. उन दोनों का कहना है कि उन्होंने कभी भी लड़की का शोषण नहीं किया. बता दें कि नोएडा की रहने वाली नाबालिग छात्रा ने घर में आत्महत्या कर ली थी, जिसके लिए स्कूल के दो अध्यापकों को जिम्मेदार माना जा रहा है.

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परवेज़ सागर / चिराग गोठी

  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 4:31 PM IST

दिल्ली के एहल्कॉन पब्लिक स्कूल के दोनों आरोपी शिक्षकों ने सामने आकर अपनी सफाई पेश की है. वे दोनों उन पर लगे आरोपों को सिरे से नकार रहे हैं. उन दोनों का कहना है कि उन्होंने कभी भी लड़की का शोषण नहीं किया. बता दें कि नोएडा की रहने वाली नाबालिग छात्रा ने घर में आत्महत्या कर ली थी, जिसके लिए स्कूल के दो अध्यापकों को जिम्मेदार माना जा रहा है.

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आरोपी शिक्षकों ने दी सफाई

आरोपी शिक्षक राजेश ने उस लगाए गए शारीरिक शोषण जैसे सभी आरोपों से इनकार किया है. उसका साफ-साफ कहना है कि वह ऐसा करने का कभी सपने में भी नहीं सोच सकता. जहां तक बात है बच्ची को फेल करने की तो वह पढ़ने में बिलो एवरेज स्टूडेंट थी.

आरोपी का कहना है कि उसने कभी भी उसका शोषण नहीं किया. वह लड़की क्लास में शांत रहती थी. आरोपी राजेश का कहना है कि उस पर आरोप है कि वे कॉरिडोर में हंस रहे थे, जो कि सरासर गलत है. उसका कहना है कि उस वक्त उसकी ड्यूटी कहीं और थी.

मामले की दूसरी आरोपी शिक्षिका नीरज का कहना है कि वह उसके ऊपर लगे आरोपों से सदमे में है. उससे पुलिस ने पूछताछ की है. उसने पुलिस को तमाम दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराई है. वे पुलिस को पूरा सहयोग दे रहे हैं.

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PTM में नहीं आते थे बच्ची के परिजन

एहल्कॉन पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल धर्मेंद्र गोयल का कहना है कि सात बार पीटीएम हुई. लेकिन सातों बार बच्ची के परिवार वाले पीटीएम में नहीं आए. पुलिस वहां पहुंची थी. उनको तमाम दस्तावेज और सीसीटीवी फुटेज दे दी गई है. पुलिस ने दोनों टीचर्स के बयान भी रिकॉर्ड किए हैं.

गोयल का कहना है कि उन्हें उस बच्ची के परिवार से पूरी हमदर्दी है. लेकिन शारीरिक शोषण और प्रताड़ना के तमाम आरोप गलत हैं. बच्ची क्लास में शांत रहती थी. वह कत्थक डांसर थी. स्कूल में भी समय-समय पर उसे प्रोत्साहन मिला. जहां तक बात है कि वह कल हंसा क्यों था, दरअसल सवाल ऐसा पूछा गया था जो उन्हें हास्यास्पद लगा था. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह पीड़ित परिवार के साथ नहीं है या उसे कम दुख है.

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