चीन की अपनी पहली यात्रा पर शंघाई पहुंचे रक्षा मंत्री पर्रिकर

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की चीन यात्रा के दौरान किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना नहीं है. इस यात्रा का लक्ष्य रक्षा संबंध को मजबूत बनाना है.

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रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर

सुरभि गुप्ता

  • बीजिंग,
  • 17 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST

पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र से पाबंदी लगवाने की भारत की कोशिश में चीन के अड़ंगा लगाने से दोनों देशों के रिश्तों में आई खटास के बीच रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर रक्षा संबंध को मजबूत करने के लिए अपनी पहली चीन यात्रा पर शंघाई पहुंचे.

चार दिन करेंगे चीन का दौरा
वह पिछले तीन सालों में चीन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय रक्षा मंत्री हैं. उनके पूर्ववर्ती एके एंटनी ने 2013 में चीन की यात्रा की थी. अपनी इस चार दिन की यात्रा के दौरान उनकी शीर्ष चीनी नेताओं, रक्षा अधिकारियों और चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग से बातचीत करने की संभावना है.

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अधिकारियों ने बताया कि अपनी इस यात्रा के दौरान वह चेंगडू सैन्य क्षेत्र कमान भी जाएंगे, जो भारत के साथ लगती सीमा की देखभाल करती है. पर्रिकर एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ एअर इंडिया की नियमित उड़ान से पहुंचे.

वह रविवार को शंघाई में भारतीय पेशेवरों की एक सभा को संबोधित करने के बाद बीजिंग जाएंगे. उनका सोमवार को शीर्ष चीनी रक्षा अधिकारियों के साथ बातचीत करने का कार्यक्रम है.

किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि पर्रिकर की यात्रा के दौरान किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना नहीं है. इस यात्रा का लक्ष्य रक्षा संबंध को मजबूत बनाना है. पर्रिकर की चीन यात्रा से पहले पिछले साल चीन के शीर्ष रक्षा अधिकारियों की भारत की उच्च स्तरीय यात्रा हुई थी.

इस दल में केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के उपाध्यक्ष जनरल फान चांगलांग भी शामिल थे. राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई में सीएमसी चीन के 23 लाख जवानों वाले सशस्त्र बल का संपूर्ण कमांडिंग प्राधिकार है.

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दो सालों में बढ़ा है रक्षा सहयोग
पिछले दो सालों में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग उच्च स्तरीय विनिमय के साथ बढ़ा है. दोनों पक्षों ने 3488 किलोमीटर लंबी विवादास्पद सीमा पर अतिक्रमण के मुद्दे पर चर्चा के लिए वास्तविक नियंत्रण के इर्द-गिर्द एक मशविरा और समन्वय कार्य प्रणाली स्थापित की है. दोनों ओर के अधिकारी मानते हैं कि इससे तनाव कम करने में मदद मिली है.

डोभाल करेंगे 19वें दौर की सीमा वार्ता
चीनी अधिकारियों के साथ उनकी वार्ता के तुरंत बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजित डोभाल की अपने चीनी समकक्ष अधिकारी यांग जीची के साथ 19वें दौर की सीमा वार्ता होगी. डोभाल और यांग सीमा वार्ता के लिए विशेष रूप से नियुक्त प्रतिनिधि हैं. उन्हें पूरे द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा का अधिकार मिला है.

मसूद पर बात होने की संभावना
मसूद अजहर पर पठानकोट आतंकवादी हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र से पाबंदी लगाने की भारत की कोशिश में बाधा डालने के चीन के निर्णय पर भी उनकी बातचीत में चर्चा हो सकती है.

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