राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार इशारा किया है कि नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में देरी हो सकती है. हालांकि ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि अगर मेल-इन वोटिंग में वृद्धि हुई है तो रिजल्ट में धोखाधड़ी होगी.
अमेरिका में संघीय चुनाव की तारीख संविधान के अनुसार तय है और यह नवंबर महीने के पहले सोमवार के बाद मंगलवार को चुनाव कराए जाते हैं और चुनाव की तारीख बदलने के लिए कांग्रेस के एक अधिनियम की आवश्यकता होगी. संविधान के अनुसार 20 जनवरी, 2021 के नए राष्ट्रपति पद के शपथ लेने की तारीख में बदलाव का कोई प्रावधान नहीं है.
चुनाव टला तो होगी शर्मिंदगी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'यूनिवर्सल मेल-इन वोटिंग के साथ (एब्सेंटी वोटिंग नहीं है, जो अच्छा है), 2020 का चुनाव इतिहास में सबसे अधिक और स्थानीय चुनाव होगा.
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अगर चुनाव में देरी होती है तो यह अमेरिका के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी की बात होगी. चुनाव में देरी तब तक हो सकती है जब तक यह तय नहीं हो जाए कि लोग ठीक से और सुरक्षित रूप से मतदान कर सकेंगे. मेल-इन वोटिंग के माध्यम से व्यापक मतदाता धोखाधड़ी के कोई सबूत नहीं है, यहां तक कि राज्यों में ऑल-मेल वोट्स में भी.
पांच राज्य पहले से ही मेल-इन-बैलेट पर विशेष रूप से भरोसा करते हैं, और उनका कहना है कि उनके पास यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय हैं कि कोई विदेशी शत्रुतापूर्ण वोटिंग को बाधित न कर सके.
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